कार्तिक शुक्लपक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११६
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहम्मद आजम खां ने केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को फिर से पत्र लिखकर राष्ट्रीय स्वयं संघ पर पाबंदी लगाए जाने की मांग की है। खां का आरोप है कि आरएसएस देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है और मुस्लिमों को भड़काने का प्रयास कर रहा है।
केन्द्रीय गृहमंत्री को 21 अक्टूबर को भेजे गए अपने पत्र के तारतम्य में खां ने बुधवार को भेजे गए अपने दो पृष्ठ के पत्र में इस संदर्भ में केन्द्र मंत्रालय द्वारा त्योहारों के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की आशंका के मद्देनजर राज्य सरकारों को जारी की गई एलर्ट का भी हवाला दिया। उन्होंने दावा किया कि मध्य अक्टूबर में आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने लखनऊ में कहा था कि भारत के मुसलमान हिन्दू हैं। इस तरह के बयान मुस्लिमों की भावनाओं को आहत कर सकते हैं।
खां ने कहा कि हम सभी जानते है कि पूर्व में घटित कई राष्ट्रविराेधी गतिविधियों में संघ की भूमिका रही है। इसलिए मंै मांग करता हूं कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय संघ प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ कार्रवाई की पहल करे। भागवत ने कहा था कि भारत एक हिन्दू राष्ट्र है और हिन्दुत्व इसकी पहचान है। उन्होंने कहा था कि हिन्दुस्तान में रहने वाले हर एक इंसान की पहचान हिन्दू है जैसे जर्मनी में रहने वाले को जर्मन के रूप में जाना जाता है। खां ने आरोप लगाया कि संघ देश को बांटने की कोशिश कर रहा है और केन्द्र सरकार को गंभीरता से विघटनकारी तत्वों की हरकतों पर लगाम लगाना चाहिए।
खां ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से उन्हें एक अलर्ट मिला है जिसमें कहा गया है कि प्रदेश के कई जिलों में असामाजिक तत्व सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि चंद रोज पहले लखनऊ में हुए राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की बैठक में भी सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने की कोशिश की गई थी। खां ने कहा कि वह नहीं समझ पा रहे हैं कि केन्द्र सरकार मुस्लिम विरोधी बयानों के परिपेक्ष्य में संघ प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ कार्रवाई करने से क्यों हिचकिचा रही है।
स्त्रोत : राजस्थान पत्रिका