हाल ही में ३० सितंबर को दशहरा मनाया गया तथा १ अक्तूबर को मुहर्रम था, परंतु इस बीच भारत के कम से कम ३ राज्यों में सांप्रयायिक टकराव के कारण तनाव उत्पन्न हुआ था । एैसा सामने आया है कि, उत्तर प्रदेश, बिहार तथा झारखंड राज्यों में जिहादियों ने दुर्गापूजा पंडाल तथा हिन्दूआें पर किए आक्रमण इन जैसे कारणों से तनाव की स्थिती थी । कुछ जगहों पर तो पुलिस कर्मचारी भी घायल होने की खबरे आर्इ है ।
नवरात्रि के दौरान बिहार में श्री दुर्गादेवी के मूर्ती पर, तो गणेशोत्सव के दौरान कुछ राज्यों में विसर्जन शोभायात्रा पर जिहादियाें ने आक्रमण किया था । इससे यह प्रतीत होता है कि, हिन्दुआें के त्यौहारों के समय कुछ ना कुछ ना कारण निकालकर हिन्दुआें पर तथा हिन्दू देवताआें के मूर्तियों पर आक्रमण की घटनाएं बढ चुकी है ।
यह वार्ता पढकर किसी भी हिन्दू के मन में यह विचार आ सकते है कि . . .
१. केवल हिन्दूआें के त्यौहार के दौरान ही एेसी घटनाएं क्यों होती है ? क्या आपने कभी सुना है कि, मुहर्रम, र्इद जैसे त्याैहार के समय हिन्दूआें ने जुलूस पर आक्रमण किया है ?
२. हिन्दुआें के धार्मिक उत्सव पर जब धर्मांध आक्रमण करते है तब सेक्युलर मीडिया चुप रहकर एेसे समाचार को दबा देते है । परंतु किसी चर्च या मस्जिद पर एक पत्थर भी फेंका गया तो उसे Breaking News बनाया जाता है । एैसी दोगली मिडीया का हिन्दूआें ने संपूर्ण बहिष्कार करना चाहिए ।
३. हिन्दूआें पर तत्परता से कारवार्इ करनेवाली पुलिस तथा प्रशासन क्या हिन्दूआें पर आक्रमण करनेवाले धर्मांध जिहादियों पर भी कारवार्इ करने में इसी प्रकार की तत्परता दिखाएंगे ?
४. आज हिन्दूबहुल भारत में हिन्दूआें पर आक्रमण बढ रहे है । पुलिस तथा प्रशासन आपकी रक्षा करने के लिए सक्षम नहीं है एैसा कुछ उदाहरणों से सामने आया है । इसलिए हिन्दूआें ने संगठित होना चाहिए तथा भारतीय संविधान के अनुसार अपनी रक्षा हेतु स्वरक्षा प्रशिक्षण भी लेना चाहिए ।
हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा स्वरक्षा प्रशिक्षणवर्ग चलाए जाते है । यदि आप इसका लाभ उठाना चाहते है तो हमें [email protected] पर संपर्क करे ।