न्यूज 18 में आए समाचा के अनुसार, राजस्थान के अलवर जिले के खेडली क्षेत्र की रहनेवाली विवाहिता सकीना को दूध मुंही बेटी की बलि रोकने पर पति इमरान खान ने तीन तलाक दे डाला ! पीड़िता ने आरोप लगाया है कि, ससुरालवालों ने बेटा पैदा नहीं करने पर और बेटी की बलि देने से रोकने पर उसे प्रताड़ित किया। उसके पति ने इस वजह से तिन तलाक दे दिया। घर से बेघर करते हुए पति ने तीन बार तलाक तलाक कहा और फिर पीहर के पास बेटी के साथ छोड़कर चला गया।
खेरली कस्बे निवासी बाबू खां की बेटी सकीना का विवाह २०१३ में महुआ के इमरान खां के साथ हुआ। शादी के बाद सकीना को फरवरी २०१५ में पहली बेटी हुई जिस पर सकीना के पिता ने पूरे परिवार को कपड़े जेवर के साथ मान सम्मान किया।
२ फरवरी २०१७ को सकीना ने दूसरी बेटी को जन्म दिया। सकीना ने बताया कि, दूसरी बेटी होने के बाद ससुराल पक्ष के लोग दो लाख रुपये मांगने लगे। पैसे नहीं देने पर और बेटे की चाहत में ससुराल पक्ष के तानों ने उसका जीना मुश्किल कर दिया !
सकीना ने बताया कि, इसके बाद २ अक्टूबर को करीब १२ बजे उसका पति इमरान, जेठ और जेठानी एक गाड़ी में बिठाकर उसे खेड़ली ले आए। यहां पर उसे गाड़ी से उतारकर इमरान ने तीन बार तलाक कहा। बड़ी बेटी को इमरान ने अपने पास रख लिया। साथ ही पुलिस में शिकायत नहीं करने की धमकी दी !
यह वार्ता पढने पर ध्यान में आता हैं कि,
१. सर्वोच्च न्यायालय ने ट्रिपल तलाक पर प्रतिबंध लगाया है, फिर भी ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिनमें कुछ मुसलमानों ने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया । इससे किसी के भी मन में ऐसा विचार आ सकता है कि, ‘क्या मुस्लिम सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय भी नहीं मानते ? क्या इन मुसलमानों के लिए इस देश के कानून का कोई महत्त्व नहीं है ?’
२. हिन्दुओं संबंधी बिना पूछे अपना मत देनेवाला सेक्यूलर मीडिया तथा कार्यकर्ता एवं स्त्री-मुक्ति संगठन अब इस घटना पर चुप क्यों हैं ? क्या उनमें एेसे लोगों का विरोध करने का साहस नहीं है ?