इस माह के शुरुआत में अलवर के स्कीम नंबर दस स्थित ८० क्वार्टर से टाटा-४०७ में सवार ४ तस्कर गायों को टाटा गाड़ी में लाद कर फरार होने का मामला सामने आया था । इस समय गोतस्करों का पीछा करनेवाली पुलिस पर तस्करों ने फायरिंग कर दी थी । अब कल ही न्यूज 18 में समाचार आया कि, राजस्थान की अलवर पुलिस पर बुधरवार देर रात मेवात के गौ तस्करों ने कार्रवाई के विरोध में जानलेवा हमला बोल दिया और ताबडतोड फायरिंग में लगभग ५०-६० गोलियां बरसा डाली ! अलवर के फूलबाग थाना क्षेत्र में देर रात गौ तस्करों और पुलिस में मुठभेड़ के बाद ५ गौवंशों को मुक्त कराया गया। हालांकि, गाड़ी छोड़ अंधेरा का फायदा उठाते हुए हरियाणा की ओर फरार हो गए !
पुलिस के अनुसार बदमाशों ने जानलेवा हमला करते हुए फायरिंग की तो जवाब में पुलिस ने लगभग १८ राउंड फायर किए। जांच अधिकारी रतनलाल ने बताया कि, गत रात लगभग डेढ बजे गौ रक्षक दल से सूचना प्राप्त हुई कि, फूलबाग थाना क्षेत्र से एक कैंटर में सवार कुछ बदमाश गायों को जबरन भर कर ले जा रहे हैं !
बता दें कि, कुछ दिन पूर्व बंगाल सीमापर गो तस्करों ने एक बीएसएफ जवान की हत्या कर दी थी । इस बार भी गो तस्करों ने पुलिस पर गोली चलार्इ है । बहुत सारी घटनाआें में यह बात सामने आर्इ है कि, गो तस्कर बिना किसी डर के गोरक्षक तथा पुलिस पर हमला कर देते है । देश के कर्इ राज्यों में गोहत्या प्रतिबंधक कानून होते हुए भी इस प्रकार की घटनाए होना यह पुलिस तथा प्रशासन के लिए क्या शर्मनाक नहीं है ?
जब काेर्इ अखलाक, जुनैद या पहलु खान मारा जाता है, तो उसपर बवाल मचानेवाली मिडीया तथा सेक्युलर कार्यकर्ता अब इस घटना पर चुप क्यों है ? ‘गोरक्षकों के हिंसा पर लगाम लगाने’ की बात करनेवाले राजनेता अब इस घटना पर यह क्यों नहीं कहते की ‘गो तस्करों पर भी लगाम लगाना आवश्यक है ।’
हम स्वयं भी गोरक्षा नहीं करेंगे तथा अन्यों को भी करने नहीं देंगे, इस प्रकार की नीति अपनाने वालों के विरूद्ध अब हिन्दूआें ने संगठित होकर इसका विरोध कर गोरक्षा का कार्य आगे बढाने हेतु प्रयास करना यही समय की आवश्यकता है ।