केरल के कथित लव जिहाद मामले में नया मोड़ सामने आया है, केरल सरकार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस मामले की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआयए) से कराने की जरूरत नहीं है ! सरकार के अनुसार केस की जांच पुलिसद्वारा कराई जा चुकी है और रिपोर्ट में ऐसा कुछ सामने नहीं आया कि केस में एनआयए जांच को शामिल किया जाए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने १६ अगस्त को एनआयए को निर्देश दिए थे कि वो मामले की जांच करे।
यह मामला एक हिंदू महिला के धर्मांतरण और उसकी मुस्लिम युवक से शादी से जुड़ा है। महिला की उम्र २४ साल है और उससे शादी करनेवाले मुस्लिम युवक का नाम शफील जहान है। सुप्रीम कोर्ट के दखल से पहले केरल हाईकोर्ट ने ‘लव जिहाद’ का मामला बताते हुए इस शादी को रद्द कर दिया था। इसके बाद युवक ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। युवती इस समय अपने पिता का घर में रह रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने एनआयए से कहा था कि हिंदू महिला के धर्म परिवर्तन और मुस्लिम युवक से शादी मामले की जांच करे क्योंकि एजेंसी ने दावा किया था कि यह कोई अलग मामला नहीं है बल्कि केरल में यह ‘सिलसिला’ चल पड़ा है ! अदालत ने एनआयए को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आरवी रवींद्रन की निगरानी में घटना की जांच के आदेश दिए थे। शीर्ष अदालत ने कहा था कि इंटरनेट गेम ‘ब्लू व्हेल’ की तरह किसी को गुमराह कर जोखिम भरा कदम उठाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है !
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स्त्रोत : अमर उजाला