नायगाव (जिला पालघर) में रहनेवाले बारिया परिवारपर र्इसार्इयोंद्वारा धर्मांतरण के लिए दबाव बनाया गया तथा परिवार के महिलाआें के साथ मारपीट भी हुर्इ । इस घटना के विरोध में तथा पालघर क्षेत्र में र्इसार्इ मिशनरियों द्वारा जबरन धर्मांतरण करने के विरोध में हिन्दू संगठनों ने मिलकर पुलिस को निवेदन दिया । निवेदन का स्वीकार करने के उपरांत पुलिस ने प्रतिपक्ष की बाजू सुनकर उचित कारवार्इ करने का आश्वासन दिया है । निवेदन देते समय जगदंब प्रतिष्ठान, श्री शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान, शिवरत्न प्रतिष्ठान, शिवसेना, हिंदु जनजागृती समिती आणि मराठा प्रतिष्ठान आदि हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे ।
नायगाव में रहनेवाला बारिया परिवार पिछले कुछ महिनों से बडे मानसिक तनाव में है, जिसका कारण है उनपर र्इसार्इयोंद्वारा धर्मांतरण के लिए पडनेवाला दबाव । बारिया परिवार जिस इमारत में रहते है, वहां के बहुसंख्य परिवार र्इसार्इ है । उन्होंने बहुत से प्रलोभन दिखाकर बारिया परिवार का धर्म परिवर्तन करने का प्रयास किया, परंतु बारिया परिवार का हिन्दू धर्म के प्रति अभिमान देखकर उनका उत्पीडन करना शुरू किया ।
बारिया परिवार, कुछ महिनों से पानी मिलने में बाधाएं डालना, गालीगलोच करना, धमकी देना जैसे कष्ट का सामना कर रहा है । इस नवरात्रि के दौरान परिवार के महिलाआें के साथ मारपीट भी की गर्इ । सोशल मीडिया के माध्यम से जब यह मामला सामने आया, तब हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता ने पिडीत परिवार से भेट की ।
यह वार्ता पढकर कुछ सूत्र सामने आते है, जिसपर हर एक हिन्दू ने विचार करना चाहिए :
१. कुछ दिन पहले ८७ प्रतिशत र्इसार्इ जनसंख्या वाले मिजोरम में हिन्दू देवता की प्रतिमा तथा राष्ट्रध्वज जलाने का मामला सामने आया था । अब नायगाव के एक इमारत में जब र्इसार्इ बहुसंख्य हो गए, तो उन्होंने एकमात्र हिन्दू परिवार पर अत्याचार करना प्रारंभ कर दिया । यह देखकर किसी के भी मन में विचार आ सकता है कि, जब र्इसार्इ बहुसंख्य हो जाते है, तो वे हिन्दूआेंपर इसी प्रकार का अत्याचार करेंगे । फ्रान्सिस जेवियरद्वारा गोवा इन्क्विजिशन आज भी अपने क्रूरता के लिए कुप्रसिद्ध है ।
२. बारिया परिवार र्इसार्इ धर्म अपनाने से इन्कार कर रहा था इसलिए उनका उत्पीडन किया गया । इतना हीं नहीं, हिन्दू महिलाआें के साथ मारपीट भी की गर्इ । क्या यही है अपने आप को प्रेम का प्रतीक कहनेवाले र्इसार्इयों की मानवता ? धर्मांतरण विरोधी बिल लानेपर ‘र्इसार्इयों के विरूद्ध नफरत फैलाने’ का आरोप करनेवाली कैथोलिक बिशप्स काउंसिल ऑफ इंडिया अब चुप क्यों है ? बारिया परिवार के साथ अत्याचार कर उलटा र्इसार्इ लोग ही नफरत फैला रहे है एैसा यहां पर दिख रहा है ।
३. जब किसी चर्च या मस्जिद पर एक पत्थर भी गिरता है या किसी र्इसार्इ या मुस्लिम के साथ हिंसा की काेर्इ भी घटना होती है, तो असहिष्णूता तथा ‘भारत में अल्पसंख्यंक खतरे में’ इस प्रकार का ढिंढोरा पिटनेवाली मीडिया तथा सेक्युलर कार्यकर्ता इस विषय में चुप क्यो है ? क्या हिन्दूआें पर अत्याचार होना उन्हें सही लगता है ?
४. आज हिन्दू बहुसंख्य होते हुए भी भारत में हर जगह हिन्दूआें का दमन हो रहा है । चाहे वो जिहादी धर्मांध हो, र्इसार्इ हो, राजनेता हो, पुलिस हो या प्रशासन, हर जगह हिन्दू ही अत्याचार का शिकार हो रहा है एैसा प्रतीत होता है । यह स्थिती बदलने हेतु अब हिन्दूआें को ही संगठित होकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु कार्य करना चाहिए । यदि यह नहीं हुआ, तो भविष्य में हिन्दूआें का अस्तित्व ही संकट में आ सकता है ।
आप क्या कर सकते है ?
१. नायगाव के बारिया परिवार पर अत्याचार करनेवाले र्इसार्इयों के विरूद्ध तुरंत कडी कारवार्इ हो, यह मांग महाराष्ट्र सरकार से आप कर सकते है । इसलिए आप इमेल, सोशल मीडिया तथा अन्य मार्गों का उपयोग भी कर सकते है ।
२. अपने शहर / गांव में यदि कोर्इ मिशनरी संस्था हिन्दुआेंको लालच देकर उन्हें धर्म-परिवर्तन करने के लिए कह रही हो, तो उसकी शिकायत तुरंत पुलिस में करें !
३. अपने क्षेत्र में सभी हिन्दूआें को र्इसार्इयोंद्वारा हो रहे धर्मांतरण के विषयमें जागृत करें ।
४. साथ ही कोर्इ भी हिन्दू धर्मांतरण का बलि ना चढें, इसके लिए प्रत्येक हिन्दू धर्मशिक्षा लें । इस विषय में विस्तृत लेख आप यहां पढ सकते है आैर उसे अपने मित्र-परिवार को शेअर भी कर सकते है : https://www.hindujagruti.org
५. हिन्दू जनजागृती समिति की आेर से धर्म परिवर्तन के विषय में जागृति करने हेतु कुछ ग्रंथ प्रकाशित किए गए है । आप स्वयं इन्हें खरीद सकते है तथा अन्यों को भी यह ग्रंथ पढने हेतु बता सकते है ।
यह ग्रंथ खरीदने हेतु आगे दिए गए लिंक पर क्लिक करे : https://sanatanshop.com/shop/hn/52-anya