रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन करनेवाले गोवा के पुरोगामियों का अन्वेषण करने की मांग
डिचोली (गोवा) : भारत की सुरक्षा के लिए घातक रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में प्रवेश न दिया जाए, अभीतक भारत में जो रोहिंग्या मुसलमान आए हैं; उनको भारत से तुरंत निकाल बाहर करें, म्यानमार के विस्थापित हिन्दुओं के साथ अत्याचार कर उनका धर्मपरिवर्तन करनेवाले रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन कर सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करनेवाले भारत के धर्मांध मुसलमानों को आंदोलन की अनुमति न दी जाए और रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन करनेवाले गोवा के पुरोगामियों का अन्वेषण हो ! इन मांगों को लेकर यहां के समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संघटनों ने ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ के अंतर्गत ८ अक्तूबर की सायंकाल में डिचोली के छत्रपति शिवाजी महाराज प्रांगण के निकट निदर्शन किए। यह देशव्यापी राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन का एक भाग था।
गोवा में रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन करनेवाली फेरी सबसे पहले डिचोली से निकाली गई थी और उसके पश्चात वास्को एवं मडगाव में इसी प्रकार की फेरियां निकाली गई थीं। इसी पार्श्वभूमि पर रोहिंग्या मुसलमानों का समर्थन करनेवाले गोवा के पुरोगामियों के अन्वेषण की मागं को लेकर चलाए गए इस आंदोलन को यहां के हिन्दुत्वनिष्ठों ने उत्स्फूर्त प्रतिसाद दिया। इस आंदोलन में १४ हिन्दुत्वनिष्ठ संघटनों ने सहभाग लिया, तो आंदोलन में कुल मिलाकर ५०० हिन्दू धर्माभिमानी उपस्थित थे। इसके कारण इस आंदोलन को एक जनसभा जैसा ही स्वरूप प्राप्त हुआ !
इस आंदोलन का प्रारंभ शंखनाद से किया गया। राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन की ओर से हिन्दू जनजागृति समिति के गोवा राज्य समन्वयक डॉ. मनोज सोलंकी ने अपनी प्रस्तावना में आंदोलन का उद्देश्य स्पष्ट किया। उसके पश्चात हिन्दुत्वनिष्ठों ने आंदोलन को संबोधित किया। निदर्शन में श्री. जयेश थळीद्वारा प्रस्ताव रखे गए, तो श्री. राहुल वझे ने सूत्रसंचालन एवं आभार प्रदर्शन किया।
रोहिंग्या मुसलमान एक ‘बिच्छू’ की जाति जैसे होने से उनको समय पर ही निकाल बाहर करें ! – ह.भ.प. रामकृष्णबुवा गर्दे
इन रोहिंग्याओं को यहां किसने लाया है, इसकी जांच करें। ‘रोहिंग्या’ बिच्छू की जाति जैसे होते है। उनका कितना भी भला करें, वो डंसे बिना नहीं रहेंगे ! रोहिग्याओं को समय पर ही यहां से निकाल बाहर कर देना चाहिए। इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। राज्यकर्ता उनकी अगली पीढी का भविष्य सुरक्षित करने में व्यस्त रहते हैं !
आंदोलन के माध्यम से हिन्दुओंद्वारा शासन से की गई मांगें . . .
१. म्यानमार में चल रही हिंसा के कारण वहां से विस्थापित हिन्दुओं में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई है। केंद्र शासन इस संदभ में तुरंत अपनी भूमिका स्पष्ट करे !
२. म्यानमार और वहां से बांग्ला देश में विस्थापित हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। भारत सरकार म्यानमार स्थित हिन्दुओं की सुरक्षा के गंभीर सूत्र को विश्वस्तर पर पहुंचाने हेतु उसे संयुक्त राष्ट्रसंघ में उपस्थित करे !
३. हिन्दू एवं बौद्धों के साथ अत्यचार करनेवाले और हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन कर उनको बलपूर्वक नमाज पढने के लिए बाध्य करनेवाले रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में स्थान नहीं देना चाहिए !
४. जम्मू में खडी की गई रोहिंग्या मुसलमानों की बस्तियों के विरोध में कार्रवाई की जानी चाहिए !
५. जो संघटन, व्यक्ति अथवा धार्मिक नेता रोहिंग्या मुसलमानों का पक्ष ले रहे हैं, उनके विरोध में भी ‘देशद्रोहियों का समर्थन’ के आरोप में कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए !
६. म्यानमार में हिन्दुओं के साथ अत्याचार कर उनका धर्मपरिवर्तन करनेवाले, हिन्दू एवं बौद्धों के साथ अत्याचार करनेवाले रोहिंग्या मुसलमानों के संदर्भ में सहानुभूति दिखानेवाले भारतीय मुसलमानों एवं तथाकथित निधर्मीवादियों को किसी भी प्रकार का आंदोलन करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए !
आंदोलन में सम्मिलित संघटन
जय श्रीराम गोसंवर्धन केंद्र, वाळपई; पतंजली योग समिति एवं भारत स्वाभिमान; स्वराज्य संघटन, म्हापसा एवं मडगाव, वीर सावरकर युवा मंच; हिन्दवी स्वराज्य, मडगाव; राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, शिव कृपानंद स्वामी संप्रदाय, मये ग्रामरक्षा दल, शिवसेना, सनातन संस्था, रणरागिणी, गोमंतक मंदिर एवं धार्मिक संस्था महासंघ और हिन्दू जनजागृति समिति
आंदोलन में अपने विचार व्यक्त करनेवाले मान्यवर
सर्वश्री विश्वराज सावंत, शिवप्रेमी संघटन; रमेश नाईक, पूर्व गोवा शिवसेनाप्रमुख; किशोर राव, उत्तर गोवा राज्यप्रमुख, शिवसेना; समीर गावस, हिन्दू स्वराज्य संघटन; जयेश नाईक, हिन्दवी स्वराज्य संघटन; भारत गुळण्णावर, भारत स्वाभिमान; उल्हास शेट्ये, छत्रपति शिवाजी महाराज संघटन, मुरगाव एवं श्रीमती सिद्धि प्रभु, आस्था अशासकीय संघटन
रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में निकाली गई फेरी में सम्मिलित होने की गलती को रखने के लिए ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ का व्यासपीठ उपलब्ध हुआ ! – भाजपा विधायक श्री. राजेश पाटणेकर
रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में डिचोली में निकाली गई फेरी में मेरे सम्मिलित हो जाने के पश्चात मुझ पर चारों ओर से आलोचनाओं की झडी लगी ! उसके लिए भाजपा के वरिष्ठों से मुझे डांट भी खानी पडी। इसके कारण मेरे मन में अस्वस्थता थी। मेरी इस गलती को रखने हेतु मुझे ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ का व्यासपीठ उपलब्ध हुआ। कुछ दिनों के पश्चात रोहिंग्या मुसलमानों की पार्श्वभूमि मुझे ज्ञात हुई और इस संदर्भ में केंद्र शासन की नीति भी स्पष्ट हो गई !
क्षणचित्र
१. इस आंदोलन में छत्रपति शिवाजी महाराज प्रतिष्ठान के श्री. चंद्रशेखर देसाई उपस्थित थे !
२. सर्वसामान्य रूप से इन दिनों में डिचोली में प्रतिदिन सायंकाल में वर्षा होती है; परंतु आंदोलन के समय वर्षा नहीं हुई !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात