चर्च जैसे पवित्र धर्मस्थल में इस प्रकार का दुष्कर्म करनेवाले पादरी को मिडीया तथा सेक्युलरिस्ट अब क्या कहेंगे ?
केरल के एक पादरी को चर्च में १० वर्षीय स्कूली छात्र के कथित यौन उत्पीडन के मामले में सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया । पुलिस ने बताया कि, यह घटना रविवार की है, जब पीडिता बाइबिल सुनने के लिए चर्च गई थी । आरोपी देवराज (६५) को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया । वह कंदनथिट्टा सीएसआई चर्च में पादरी है ।
पुलिस ने बताया कि, पादरी के विरोध में पॉक्सो और आईपीसी की धारा ३७६ के तहत मामला दर्ज किया गया है । लडकी के पिता ने आरोप लगाया कि, वह जब अपनी बेटी को वापस घर ले जाने चर्च गए तो उन्होंने यह घटना देखी ।
यह वार्ता पढकर कुछ सूत्र सामने आते है, जिनपर गौर करना चाहिए :
१. यदि इसी प्रकार का आरोप किसी हिन्दू साधू या संत पर लगता है, तो तुरंत मिडीया के लिए वह Breaking News बन जाती है, सभी सेक्युलरिस्ट तुरंत हिन्दू संत तथा धर्मपर टीका करना प्रारंभ करते है । परंतु जब कोर्इ पादरी इस प्रकार के आरोप में गिरफ्तार हो जाता है, तो ये मिडीयावाले तथा सेक्युलरिस्ट कहां छूप जाते है ?
२. हिन्दू संतोंपर आरोप साबित नहीं हुआ है, फिर भी उन्हें ‘रेपिस्ट बाबा’ आदि संबोधन का उपयोग करनेवाले मिडीयावाले अब इस पादरी को भी ‘रेपिस्ट’ क्यों नहीं कहते ? क्या एैसा करने से उनका ‘सेक्युलरिजम’ खतरे में आनेवाला है, एैसा विचार वे करते है क्या ?