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धारकी भोजशालामें नमाजपठनकी अनुमति देना भाजपाद्वारा हिंदुओंका विश्वासघात !

माघ कृष्ण भानु ७, कालाष्टमी , कलियुग वर्ष ५११४


बार्इं ओरसे ‘भारत स्वाभिमान आंदोलन’के श्री. बसवराज पाटिल, पत्रकार परिषदमें वार्तालाप करते हुए ‘भोजशाला मुक्ति यज्ञ समिति’के श्री. नवलकिशोर शर्मा, ‘हिंदू जनजागृति समिति’के श्री. रमेश शिंदे तथा ‘समर्थ संगठन’के श्री. मनीष मंजुल

देहलीकी पत्रकार परिषदमें नवलकिशोर शर्माका आरोप

देहली – धार (मध्यप्रदेश)में श्री सरस्वतीदेवीके मंदिरमें (भोजशालामें) मुसलमानोंको नमाजपठनकी अनुमति देकर भाजपाद्वारा हिंदुओंका विश्वासघात किया गया है । धारकी भोजशाला मुक्ति यज्ञ समितिके राष्ट्रीय संयोजक श्री. नवलकिशोर शर्माने १ फरवरीको यहांकी पत्रकार परिषदमें आरोप लगाया कि भाजपा हिंदुओंकी भावनाओंसे खेल रही है । इस अवसरपर श्री. शर्माने मांग की है कि ग्वालियरके कारागृहमें बंदिस्त श्री सरस्वतीदेवीकी मूर्तिको सरकार मुक्त करे एवं आगामी वसंत पंचमीको भोजशालामें पूरे दिनके लिए हिंदुओंको पूजा करनेका अधिकार प्रदान करे ।

इस अवसरपर देहलीके ‘भारत स्वाभिमान आंदोलन’के श्री. बसवराज पाटिल, ‘समर्थ संगठन’के राष्ट्रीय महामंत्री श्री. मनीष मंजुल तथा ‘हिंदू जनजागृति समिति’के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे भी उपस्थित थे । श्री. शर्माने आगे कहा कि, ‘‘भोजशालाकी लंदनमें रखी गई श्री सरस्वतीदेवीकी मूर्ति पुनः लाकर उसकी स्थापना भोजशालामें करनेका आश्वासन देकर वर्ष २००३ में भाजपाने मध्यप्रदेशमें सत्ता प्राप्त की; परंतु दिया हुआ आश्वासन पूर्ण नहीं किया । केवल सत्ताप्राप्तिके लिए ही भाजपा हिंदुत्वके सूत्रोंका उपयोग कर रही है । कांग्रेसपर मुसलमानोंकी चापलूसी करनेका आरोप लगानेवाली भाजपा कांग्रेससे एक पग आगे ही चल रही है । ३ फरवरी २००६ में वसंत पंचमीको भोजशालामें किया गया यज्ञ उध्वस्त कर नमाजपठनकी अनुमति दी गई । वर्ष २०११ में राजा भोजकी जन्मशताब्दिके अवसरपर धारमें आयोजित पालकी यात्रापर प्रतिबंध लगाया गया तथा श्री सरस्वतीदेवीकी नई मूर्ति जप्त कर, ग्वालियरके कारागृहमें रखी गई । १५ फरवरी २०१३ को भोजशालामें होनेवाले वसंत पंचमीके उत्सवमें भी भाजपा सरकार पुनः हिंदुविरोधी कृत्य करनेके विचारमें है । सरकारके स्थानीय अधिकारी धारके हिंदुओंमें भय फैला रहे हैं । देशके प्रत्येक हिंदूकी इच्छा है कि सरकार भोजशालामें केवल हिंदुओंको पूजा करनेका अधिकार प्रदान करे तथा मुसलमानोंको नमाजपठनकी अनुमति न दी जाए ।’’

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात

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