This is the Islamic State of #Pakistan. Police attacking homes of the #Christian community, beating & abusing women. pic.twitter.com/Z5n2tb78B8
— Tarek Fatah (@TarekFatah) October 10, 2017
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की रिपोर्ट्स अक्सर आती रहती हैं । प्रसिध्द कॉलमनिस्ट व लेखक तारिफ फतेह ने एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें पुलिस की वर्दी पहने कुछ जवान घरों में तोडफोड करते दिख रहे हैं । फतेह का दावा है कि, वीडियो ‘इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान’ का है जहां पुलिस ईसाइयों के घरों पर हमला कर रही है । वीडियो में दिख रहा है कि, काली वर्दी पहने युवक घरों में घुसते हुए लोगों पर डंडे बरसाते चले जाते हैं । कुछ महिलाएं चीखती-पुकारती हुई निकलती हैं तो उन्हें भी पीटा जाता है । कुछ लडकों को युवक उठा कर भी ले गए ।
पाकिस्तान में ईसाइयों पर हमलों की खबरें आती रही हैं । मार्च २०१५ में लाहौर के गिरजाघरों में दो धमाके हुए थे जिसमें १४ लोग मारे गए थे और ७० घायल हुए थे । २००९ में पंजाब के गोजरा इलाके में भीड ने ४० घरों को फूंक दिया था । जिसमें ८ ईसाइयों की जलकर मौत हो गई थी ।
हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी कि, यहां हर साल लगभग एक हजार लडकियों को शादी के लिए जबरन मुसलमान बनाया जाता है । इसकी रोकथाम के लिए पंजाब के पंजाब, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनवां प्रांतों में हिंदू विवाह विधेयक पारित किया गया था ।
यह वार्ता पढकर कुछ सूत्र ध्यान में आते है, जैसे कि :
१. पाकिस्तान जैसे इस्लामिक देशों में अल्पसंख्यंकों पर अत्याचार होना अब कोर्इ नर्इ बात नहीं है । भारत भी पिछले सैकडो सालों से इस्लामी आतंकवाद का सामना कर रहा है आैर यह लडार्इ आज भी शुरू है ।
२. पाकिस्तान जैसे इस्लामिक देश में हिन्दूआें की दु:स्थिती को भारतीय हिन्दूआें ने जानकर यह स्थिती भारत मे उत्पन्न ना हो इसलिए जागृत होकर संगठित प्रयास करने की आवश्यकता है । आज भारतीय हिन्दू जिहादी आतंकवाद, लव जिहाद जैसे माध्यमों से जिहाद का शिकार बन रहे है । परंतु कर्इ हिन्दू एैसे है जो ‘सर्वधर्मसमभाव’ का चष्मा पहने हुए है आैर इसलिए उन्हें भविष्य में उनपर क्या संकट आ सकता है इसका अंदाजा नहीं लगा सकते ।
३. भारत में किसी भी चर्च पर एक पत्थर भी फेका जाता है तो उसे Breaking News बनानेवाली मिडीया तथा सभी सेक्युलर कार्यकर्ता क्या अब पाकिस्तान के पुलिस को ‘सेक्युलरिजम’ का पाठ पढाएंगे ? या ‘सर्वधर्मसमभाव’ का आचरण केवल हिन्दूआें ने ही करना चाहिए एैसा इन्हें लगता है ?