अकोला : पटाखोंपर हिन्दुओं के देवता एवं राष्ट्रपुरुषों के चित्र अंकित किये जाते हैं। ऐसे पटाखें जलाने पर उन पर अंकित देवता एवं राष्ट्रपुरुषों के चित्रों के टुकडे टुकड़े हो जाते हैं, उसके पश्चात ये टुकडे हमें पैरोंतले, कचरे में और कीचड में गिरे हुए दिखाई देते हैं ! इन पटाखोंपर हिन्दुओं के देवता एवं राष्ट्रपुरुषों के चित्र अंकित किये जाते हैं। इससे देवताएं एवं राष्ट्रपुरुषों का अनादर होकर करोडों हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, साथ ही राष्ट्रीय अस्मिता पर आघात हो रहे हैं। अतः शासन इन पटाखों का उत्पादन एवं विक्रय पर रोक लगाए ! हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से उपजिलाधिकारी को इस मांग का ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर समिति के श्री. अजय खोत, श्रीमती माधुरी मोरे, कु. निधि बैस, साथ ही अधिवक्ती श्रीमती वैशाली गावंडे उपस्थित थीं।
भारत में बडी संख्या में चीनी पटाखों का विक्रय हो रहा है। उनको बनाने में ‘पोटॅशियम क्लोराइड’ आणि ‘पोटॅशियम परक्लोराइड के विषैले मिश्रण का उपयोग किया जाता है ! भारत में इन विषैले रासायनिक पदार्थो के उपयोग पर प्रतिबंध है। इसलिए चीनी पटाखे चाहे जितने सस्ते भी हों, तो भी वो अत्यंत प्रदूषणकारी हैं ! अतः केंद्र शासन चीनी पटाखोंपर भी प्रतिबंध लगाए !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात