ताज महल पर विवाद गहराता जा रहा है । उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक संगीत सोम द्वारा ताज महल को भारतीय संस्कृति पर धब्बा बताया था । इस विवाद में अब भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा है कि, अंग्रेजों से ज्यादा क्रूर और उत्पाती मुस्लिम शासक थे । राव ने कहा कि अंग्रेजों ने जितनी लूट और देश की बर्बादी की उससे कई गुना ज्यादा मुस्लिम शासकों ने किया है ।
राव ने कहा, “यह ऐतिहासिक तथ्य है कि, भारत में मुगल शासकों और अंग्रेजों ने हजार साल से ज्यादा समय तक हिन्दुस्तान पर शासन किया । इस दौरान भारतीय संस्कृति को ना केवल कुचला गया बल्कि उसकी दुनियाभर में होने वाली पहचान भी धुमिल हुई ।” उन्होंने कहा, “मुस्लिम शासकों ने जबरन धर्मांतरण कराया, लोगों का उत्पीडन किया और हिन्दुओं पर अत्याचार किए । पिछली सरकारों और नेताओं ने वोट बैंक के लिए छद्म साम्प्रदायिकतावाद की आड में तुष्टिकरण की नीति अपनाई है परंतु संगीत सोम ने असली तथ्य लोगों के सामने लाया है ।
संगीत सोम ने कहा था कि, ताज महल भारतीय संस्कृति पर धब्बा है । रविवार (१५ अक्टूबर) को सोम ने कहा कि, ताज महल बनाने वाले मुगल शासक ने उत्तर प्रदेश और हिन्दूस्तान से सभी हिन्दूओं का सर्वनाश किया था । ऐसे शासकों और उनकी इमारतों का नाम अगर इतिहास में होगा तो वह बदला जाएगा ।
प्रसिद्ध पुरातत्त्व संशोधक पु. ना. आेक जी ने कहा है कि, ‘ताजमहल’ वास्तु मुसलमानों की नहीं, अपितु वह मूलतः हिन्दूओं की है । वहां इससे पूर्व भगवान शिवजी का मंदिर था, यह इतिहास सूर्यप्रकाश के जितना ही स्पष्ट है । मुसलमानों ने इस वास्तु को ताजमहल बनाया । ताजमहल इससे पूर्व शिवालय होने का प्रमाण पुरातत्व विभाग के अधिकारी, अन्य पुरातत्वतज्ञ, इतिहास के अभ्यासक तथा देशविदेश के तज्ञ बताते हैं । मुसलमान आक्रमणकारियों की दैनिकी में (डायरी) भी उन्होंने कहा है कि, ताजमहल हिन्दूओं की वास्तु है । शिवालय के विषयमें सरकार के पास सैकडों प्रमाण धूल खाते पडे हैं । सरकार इसपर कुछ कर नहीं रही है । इसलिए अब अपनी हथियाई गई वास्तु वापस प्राप्त करने हेतु यथाशक्ति प्रयास करना ही हिन्दूओं का धर्मकर्तव्य है । ऐसी वास्तुएं वापस प्राप्त करने हेतु एवं हिन्दूओं की वास्तुओं की रक्षा के लिए ‘हिन्दू राष्ट्र’ अनिवार्य है !