नई देहली – एक एनआइए जांच में पता चला है कि, पंजाब में पिछले दो वर्षों में हुई आरएसएस कार्यकर्ताओं, डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों और एक पादरी की हत्या के पीछे खालिस्तान का हाथ था जिसका उपयोग पाकिस्तान की इंटेलिजेंटस एजेंसी आइएसआइ ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए किया था। जांच में यह भी पता चला है कि ये हत्याएं तनाव बढ़ाने और आतंकवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कराई गईं थीं। आइएसआइ ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के नेता हरमिंदर सिंह मिंटू और हरमीत सिंह को पाकिस्तान में सुरक्षा दिए जाने का भी न्योता दिया था।
आरएसएइ प्रचारक रविंदर गोसाईं की हत्या मामले में रमनदीप और हरदीप सिंह से पूछताछ के दौरान इन बातों का पता चला है। रविंदर की हत्या अक्टूबर में हुई थी। दोनों आरोपियों ने हत्या की बात कबूल की है और यह भी बताया कि उन्होंने ६ अन्य लोगों की भी हत्या की थी। इनमें अारएसएस के राज्य उपाध्यक्ष जगदीश गगनेजा, शिवसेना नेता दुर्गा प्रसाद गुप्त, हिंदू तख्त के नेता अमित शर्मा, डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी सतपाल सिंह और उनका बेटा शामिल है। इसके अलावा जुलाई में एक पादरी की भी हत्या की थी। उन्होंने कुछ लोगों की हत्या का प्रयास भी किया था।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स
१७ अक्टूबर २०१७
लुधियाना : आरएसएस के स्वयंसेवक रविन्द्र गोसाई की गोली मार कर हत्या, कब रूकेगा यह हत्यासत्र ?
लुधियाना : पंजाब के लुधियाना में संघ के शाखा से लौट रहे एक स्वयंसेवक की गोलीमार कर हत्या कर दी गयी। लुधियाना के कैलाशनगर स्थित रविन्द्र गोसाई हर रोज की तरह शाखा से वापस लौट रहे थे। इस दौरान अज्ञात अपराधियों ने सुबह 7:20 मिनट में गोली मार कर हत्या कर दी। रविन्द्र गोसाई रघुनाथ नगर मोहन शाखा प्रमुख थे। वह ५८ वर्ष के थे। उनके पीठ और गरदन पर दो गोली मारी गयी।
घटना शहर के बस्ती जोधेवाल क्षेत्र की गगनदीप कॉलोनी में हुई। रविंद्र गोसाई के परिवार का कहना है उनका जमीन विवाद चल रहा था और इसी वजह से उनकी हत्या की गयी है।हत्या के कारणों पर पुलिस कुछ नहीं बोल रही है। एडीसीपी और एसपी सहित अन्य पुलिस अधिकारी भी घटना की सूचना के बाद पहुंच गये । बताया जा रहा है कि शाखा से लौट कर वह आये थे उसी समय बाइक पर दो लोग आए और उन पर दनादन गोलियां चला दीं। इससे रविंद्र गोसाई जमीन पर गिर गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गयी। गोलियों की आवाज सुनकर परिवार और आसपास के लोग उन्हें बचाने के लिए दौड़ पड़े । इससे पहले कि वह संभलते उनकी मौत हो गयी। इस घटना से इलाके में दहशत फैल गया।
बता दें कि, कुछ ही दिन पहले केरल में एक आरएसएस कार्यकर्ता पर हमला हुआ था । इससे यही दिखता है कि, कर्नाटक भी अब केरल बनने की राह पर है ।
हिन्दूआें की इस भयावह परिस्थिती का उत्तरदायी हिन्दू समाज ही है । आज प्रत्येक हिन्दू मै एवं मेरा परिवार यहां तक ही सिमित है । इसके आगे जाकर उसे धर्म के प्रति अपना कुछ कर्तव्य नही लगता । हिन्दुआें को धर्मशिक्षा ना मिलने का यह परिणाम है ।
सभी हिन्दूआें ने संगठित होना अब समय की आवश्यकता बन चुका है, अन्यथा हमारा अस्तित्व ही भविष्य में संकट में आ सकता है ।
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