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देशहितके संकल्प हेतु समाधि लेनेवाले नागा साधूको पुलिसने बलपूर्वक नियंत्रणमें लिया !

देशहितके संकल्प हेतु ९ दिनोंके लिए समाधि लेनेवाले नागा साधूको पुलिसने बलपूर्वक  नियंत्रणमें लिया !

उत्तरप्रदेशकी सत्ताधारी मुसलमानप्रेमी समाजवादी पक्षकी पुलिसका देशद्रोही कृत्य !


प्रयागराज – समाजमें बढती हुई वासनांधता तथा अनाचारके कारण समाज तथा राष्ट्रका बिगडा हुआ स्वास्थ्य पुनः उत्तम हो, इस संकल्प हेतु श्रीपंचनाम जूना अखाडेके नागा बाबा श्यामानंद सरस्वती १ फरवरीकी प्रातः भूमिके नीचे बैठकर ९ दिनोंके लिए समाधि लेनेवाले थे; किंतु उससे पूर्व ही पुलिसद्वारा उन्हें बलपूर्वक नियंत्रणमें लेकर अज्ञात स्थानपर रखा गया  । ( नागा बाबा श्यामानंद सरस्वतीकी देशहित हेतु ली जानेवाली समाधिको रोककर पुलिसने देशद्रोह ही किया है । समाधिके विषयमें अनभिज्ञ पुलिसके इस कृत्यके विरोधमें अपराध प्रविष्ट करना चाहिए । हिंदू राष्ट्रमें इस प्रकारके पुलिसकर्मियोंको कानूनन कठोर दंड दिया जाएगा! – संपादक )

गत तीन दिनोंसे बाबा श्यामानंदकी सेवा करनेवाले श्री अवधकिशोर दासने कहा कि, ‘‘इससे पूर्व नागा बाबा श्यामानंदने मथुरा, हरिद्वार तथा प्रयागराजमें १२ बार विभिन्न कारणोंके लिए इस प्रकारकी समाधि ली थी । इस वर्ष उन्होंने देशहितका संकल्प कर समाधिका आयोजन किया था, मेला प्रशासनने उन्हें विरोध कर एक प्रकारका देशाविरोधी कृत्य किया है । ’’

कुंभनगरीमें सेक्टर ७ में बाबा श्यामानंद समाधि लेनेवाले थे । उसके लिए छह फुट  गहरा गड्ढा खोदा गया था । समाधिसे पूर्व विधिवत पूजा की जानेवाली थी । समाधिके लिए सरकारकी अनुमति प्राप्त करनेके लिए बाबाद्वारा दिए गए आवेदनपर प्रशासनने कोई निर्णय नहीं लिया तथा समाधिसे दो घंटे पूर्व अनुमति हेतु मना करते हुए पुलिसने बाबा श्यामानंदको नियंत्रणमें लेकर समाधि हेतु खोदा गया गड्ढा त्वरित भर दिया । प्रातः ढाई बजेसे पुलिसका उस स्थानपर कडा पहरा था ।

समाधिका स्वरूप कैसा होता है  ?

बाबा श्यामानंद भूमिके नीचे आसनस्थ होते हैं एवं  पश्चात गड्ढेको ऊपरसे ढंक दिया जाता है । बाबा मंत्रोच्चारद्वारा ईश्वरसे संवाद करते हैं । इस संकल्पपूर्तिके उपरांत निश्चित किए गए दिन उन्हें पुनः बाहर निकाला जाता है, उस समय बाबा जीवित होते हैं ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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