हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘श्रीकृष्ण फेरी’ !
युवा पीढी के सामने भगवान श्रीकृष्ण का आदर्श रखा जाए, साथ ही सभी को दीपावली का अध्यात्मशास्त्रीय लाभ मिले; इस हेतु श्रीकृष्ण फेरी का आयोजन किया गया था !
सिंधुदुर्ग (महाराष्ट्र) : आज के दिन गांवों एवं शाहरों में बडी मात्रा में नरकासुर प्रतिमा बनाने की प्रतियोगिताओं का आयोजन एवं नरकासुर के प्रतिमाओं का दहन करने की अयोग्य परंपरा फैल गई है ! वास्तविक रूप से सत्प्रवृत्ति का दुष्प्रवृत्ति पर विजय के रूप में नरकचतुर्दशी मनाई जाती है। भगवान श्रीकृष्ण ने भक्तों को पीडा देनेवाले नरकासुर का वध कर भक्तों की रक्षा की; परंतु काल प्रवाह में जिसका वध किया गया, उसी नरकासुर का उदात्तिकरण होता हुआ दिखाई दे रहा है !
नरकासुर के सान्निध्य में समय बीताने से युवकों के मन पर अयोग्य संस्कार अंकित होते हैं और उससे इन युवकों के अयोग्य मार्ग पर चले जाने की संभावना अधिक होती है !
अतः युवा पीढी के सामने भगवान श्रीकृष्ण का आदर्श रखा जाए, साथ ही सभी को दीपावली का अध्यात्मशास्त्रीय लाभ मिले; इस लिए जिले के साळगाव, वालावल एवं आंदुर्ले इन गांवों में दीपावली की पूर्वसंध्या पर अर्थात १७ अक्तूबर को श्रीकृष्ण फेरी का आयोजन किया गया था।
वालावल : रेवटीवाडी के श्री साई हनुमान मंदिर में श्रीफल चढ़ा कर और भगवन श्रीकृष्ण का पूजन कर फेरी का आरंभ किया गया। धर्माभिमानी श्री. महेंद्र देसाई ने श्रीकृष्ण की प्रतिमा का पूजन किया एवं श्री. अरुण शेवडे ने पूजन का पौराहित्य किया। श्री देव रवळनाथ मंदिर में इस फेरी का समापन किया गया। इस अवसर पर समिति के श्री. संजोग साळसकर ने उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन किया।
आंदुर्ले : कापडोसवाडी से श्रीकृष्ण फेरी का प्रारंभ किया गया। हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. दत्तप्रसाद सामंत के हाथों भगवन श्रीकृष्ण की प्रतिमा का पूजन किया गया। इस फेरी में गांव के मान्यवर नागरिकोंसहित अनेक धर्माभिमानी सम्मिलित हुए। इस फेरी का समापन श्री देवी आंदुर्लाई मंदिर में किया गया। इस अवसर पर श्री. राजेंद्र पाटिल एवं श्री. सुरेश पाटिल ने उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन किया।
साळगाव : श्रीमती स्मिता नाईकद्वारा भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा का पूजन किए जाने के पश्चात फेरी का प्रारंभ हुआ। फेरी के मार्गपर १० ग्रामवासियों ने अपने परिजनोंसहित श्रीकृष्ण की प्रतिमा का पूजन किया। साळगाव की ग्रामदेवता श्री देवी माऊली मंदिर में फेरी का समापन किया गया। फेरी के समापन समय श्री. ऋषिकेश धुरी ने उपस्थित लोगों को दीपावली के आध्यात्मिक महत्त्व से अवगत कराया। इस फेरी में ८० से भी अधिक हिन्दुत्वनिष्ठों ने सहभाग लिया।
वालावल की श्रीकृष्ण फेरी के क्षणचित्र
१. यहां की फेरी के समय वर्षा होने लगी; परंतु फेरी में सम्मिलित हिन्दुत्वनिष्ठों ने दृढतापूर्वक फेरी पूरी करने का निश्चय किया और इस प्रकार से वर्षा होते हुए भी फेरी पूरी हो गई !
२. श्री. अनिल मयेकर ने फेरी के लिए ध्वनियंत्र एवं प्रकाश का निःशुल्क प्रबंध करवा दिया।
३. कुछ वयस्क भी कुछ समय के लिए फेरी में सम्मिलित हुए थे !
४. ६ स्थानोंपर फेरी का पूजन किया गया।
६. फेरी के प्रारंभ में एक तितली श्रीकृष्ण के प्रतिमा पर बैठी थी तथा फेरी का समापन होनेतक वह उसी स्थानपर स्थिरता के साथ बैठी रही !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात