जसपुर : दीपावली पर हो रही आतिशबाजी को लेकर दो समुदाय आमने-सामने आ गए। विवाद इतना बढ़ा कि पहले तो जमकर मारपीट हुई, उसके बाद दोनों पक्षों की ओर से पथराव हो गया। इससे दर्जन भर से अधिक लोग घायल हो गए।
जागरण समाचार सूत्र के अनुसार ग्राम नारायणपुर में दीपावली की रात कुछ धर्मांध लोग आतिशबाजी कर रहे थे। शोर तथा आतिशबाजी की चिंगारी घरों में आने से हिन्दुआें ने उन्हें टोका । इस बात से क्रोधित होकर धर्मांध लोगों ने मारपीट करना शुरु किया । इसके बाद दोनो आेर से पथराव भी हुआ ।
सुचना मिलने पर पुलिस पहुंची तो धर्मांध समुदाय ने उनपर भी पथराव किया । पुलिस ने लाठिया भाजकर दोनों समुदाय के लोगों को खदेड़ दिया तथा बलवे में शामिल २० लोगों को गिरफ्तार कर ४८ लोगों के खिलाफ बलवे की धारा १४७, १४८, ३२३, ५०४, ५०६, ३४, ३५३ में रिपोर्ट दर्ज की है।
इस घटना से धर्मांधों की हिंसक वृत्ती ध्यान में आती है । यहां हिन्दुआें ने केवल पटाखों की चिंगारी घर में आने पर टोका था किंतु धर्मांधों ने इसे ही मुद्दा बनाकर अपना असली रूप दिखाना शुरु किया । क्या यह कृत्य धर्मांधों ने दंगा उत्पन्न करने के लिए ही जानबूझकर किया था, एेसा प्रश्न भी जनता के मन में आ सकता है ।
हर बार हिन्दुआें के त्यौहारों पर ही धर्मांध हिंसा करते है, इससे उनकी समाज में तनाव उत्पन्न करने की नीती ही सामने आती है । यहां धर्मांधों ने पुलिस भी पथराव किया इससे यहीं ध्यान में आता है कि, उन्हें पुलिस का भी कोर्इ भय नहीं है । एेसे उपद्रवीयों को पुलिस ने बन्दी बनाकर आजन्म कारावास की शिक्षा देनी चाहिए ।
आज हिन्दू सहिष्णु है, इसलिए हर जगह मार खा रहा है । पुलिस भी हिन्दुआेंका रक्षण करने में असफल सिद्ध हो रही है । एेसे में अब हिन्दुआें को स्वयं की रक्षा हेतु स्वरक्षा प्रशिक्षण लेना यह समय की आवश्यकता बन गर्इ है । इसलिए सभी हिन्दु स्वरक्षा प्रशिक्षण लें !