जम्मू : अमर उजाला से आए समाचार के अनुसार घाटी के एक कश्मीरी हिन्दु परिवार का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गया है। वीडियो में कश्मीरी हिन्दू के घर पर मुसलमानों द्वारा दीवाली के अवसर पर पत्थरबाजी का आरोप लगाया था। लेकिन पुलिस द्वारा इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि यह एक जमीनी विवाद है।
दरअसल दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले के रेनिपुरा गांव के रहने वाले अवतार कृष्ण पंडिता का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे अपने पड़ोसियों पर यह आरोप लगा रहा है कि उन्होंने उनके घर पर पत्थर बरसाए, जब अवतार कृष्ण द्वारा अपने घर में दीवाली के अवसर पर दीप जलाये थे। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें कश्मीर छोड़ने को कहा गया है और धमकी भी दी गई है।
पुलिस द्वारा जारी बयान में कहा गया कि यह एक जमीनी विवाद है। इसी विवाद में दिवाली के दिन अवतार कृष्ण और नसीर अहमद भट के बीच झगड़ा हुआ था, लेकिन उस दिन तुरंत वहां पुलिस टीम भेज दी गई थी, जिन्होंने मामले का संज्ञान लिया है। बयान में उन्होंने यह भी बताया कि अवतार कृष्ण की शिकायत पर पुलिस ने आरपीसी की धरा 341, 354, 336, 427 के अंतर्गत एफआईआर 182/2017 दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
यह घटना पढकर एेसे लगते है कि, क्या कश्मीरी पंडित भारत में रहते है या पाकिस्तान में ? कश्मीरी हिन्दु आज अपने ही देश में विस्थापितों का जीवन भय के वातावरण में जी रहे है । अब तो हिन्दुआें के त्यौहार मनाना भी उनके लिए कठीन हो रहा है । किंतु इस घटना के विषय में किसी भी सेक्युलरवादी या मानवाधिकारवाले कुछ नहीं कहते, यह उतना ही सत्य है ।
इधर पुलिस ने इस अारोप को झूठा बताते हुए इसे जमीन विवाद बताया । इससे क्या यह पुलिस आैर आरोपी यों की मिलीभगत तो नहीं ?, एेसा प्रश्न भी मन में आता है । बिना जांच किए आरोपों को खारिज करना यह हिन्दुअों का दमन करना नहीं तो क्या है ? यदि पुलिस ही एेसा करने लगी तो जनता पुलिस से न्याय की अपेक्षा कैसे रखेगी ?
इसलिए अब हिन्दुआें के लिए सरकार ने कश्मीर में अलग से केंद्र शासित प्रदेश बनाएं ताकि हिंदू घाटी में सुरक्षित रह सकें।