तिरुचिरापल्ली (तमिळनाडू) – दिवाली के दिनो में पटाके फोडे इसलिए खिझापूदूर के एक विद्यालय ने हिन्दु छात्रों पर कारवार्इ की । इस प्रकरण में छात्र के पिता श्री. एस्. सेतूरामन् ने विद्यालय के प्रिंसिपल तथा शारीरिक शिक्षा देनेवाले शिक्षक के विराेध में पलक्काराई पुलिस थाने में तक्रार दर्ज की है । इसके बाद पुलिस ने घटना का अन्वेषण शुरु किया है ।
दिवाली में श्री. एस्. सेतूरामन् इनका लडका तथा अन्य कुछ हिन्दु छात्रों ने पटाखे फोडे। दिवाली के दुसरे ही दिन २१ अक्टूबर को स्कूल के व्यवस्थापन ने प्रार्थना के समय संबंधित हिन्दु विद्यार्थीयों को गर्दन झुकाकर निसर्ग की क्षमा मांगने के लिए कहा । जिन छात्रों ने पटाखें नहीं फोडे, उनका गौरव किया गया ।
बता दें कि, इसी विद्यालय में अन्य एक हिन्दुद्वेषी घटना भी सामने आर्इ है । विद्यालय के एक छात्रा ने हाथों पर मेहंदी निकाली इसलिए शारिरीक शिक्षा देनेवाले शिक्षक ने उसे गन्ने से मारा । इस प्रकरण में लडकी के पिता ने पुलिस में अपराध प्रविष्ट किया है । पुलिस ने घटना का अन्वेषण कर रही है।
यह समाचार पढकर कुछ विचार मन में आता है..
१. दोनो घटनाआें से ख्रिस्ती विद्यालयों का हिन्दुद्वेष सामने आता है। सरकार ने हिन्दुआें की संस्कृती को नष्ट करने का प्रयास करनेवाले एेसे ख्रिस्ती विद्यालयों की मान्यता ही निरस्त कर देनी चाहिए।
२. हिन्दु अभिभावकों ने भी अब उनके बच्चों को कॉन्वेन्ट की स्कूल में प्रवेश देने की अपेक्षा किसी हिन्दु विद्यालय में ही उन्हें प्रवेश देना चाहिए, नहीं तो उनपर भी उपराेक्त स्थिती आ सकती है ।
३. आैर एक बात गौर करने जैसी है कि, इस घटना के विरोध में किसी भी मिडिया या सेक्युलरवादी यों ने अपना मुंह नहीं खोला है। इससे यही ध्यान में आता है कि, आज की मिडिया भी बिकाऊ हो चुकी है जो केवल हिन्दुविरोधी समाचार को ही ब्रेकिंग न्यूज बनात है।