ब्रिगेडियर सैफ मुहैर अल मज़रोई नामक इस पुलिस अधिकारी का कहना है कि अगर कोई कार चालक सडक किनारे नमाज अदा करता पाया जाता है तो उस पर 500 दिरहम (लगभग 9 हजार रुपये) का जुर्माना लगाया जाएगा । गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार दुबई में सडक हादसे में दो लोगों की मौत के बाद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह फरमान जारी किया है ।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि मस्जिदों के साथ-साथ पेट्रोल पंपों पर भी नमाज अदा करने की सुविधा दी जाती है, लोगों को इन वैकल्पिक जगहों का इस्तेमाल करना चाहिए ।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ”यह बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा कि कोई ड्राइवर अपने वाहन को सड़क किनारे रोककर वहीं नमाज़ अदा करने लग जाए, खासतौर पर हाईवे पर तो बिलकुल भी नहीं ।”
गौरतलब है कि संयुक्त अरब अमीरात एक इस्लामी देश है, फिर भी वहांपर इस प्रकार के निर्बंध लगाए जाते है तथा उनका पालन भी होता है । वहीं हिन्दूबहुल भारत में अल्पसंख्यंक तुष्टीकरण के कारण इससे विपरीत स्थिती है । यहां पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस मस्जिदों से अवैध भोंपू निकालने में असमर्थ है । कर्इ जगहों पर मुसलमान नमाज पढने के लिए रोड ब्लॉक कर देते है, तो कहीं पर घंटों के लिए ट्रेन का रोक दिया जाता है । इससे कर्इ नागरिकों का कठनार्इयों का सामना करना पडता है, परंतु पुलिस तथा प्रशासन किसी पर कोर्इ कारवार्इ नहीं करते ।
यदि किसी इस्लामी देश में हार्इवे पर नमाज अदा करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है, तो भारत जैसे ‘सेक्युलर’ देश यह क्यों संभव नहीं है ? क्या सभी राजनेताआें द्वारा किया जानेवाला अल्पसंख्यंको का तुष्टीकरण इसका कारण है ? यदि एैसा है तो यह स्थिती हिन्दूआें के लिए चिंताजनक है । यह स्थिती बदलने हेतु अब हिन्दूआें को संगठित होकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु प्रयास करना अनिवार्य है ।