कार्तिक पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११६
मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) – इक्कीस साल तक खुफिया एजेंसियों की आंखों में धूल झोंकने वाला सलीम पतला कम्युनल आतंकवाद का मास्टरमाइंड माना जाता है। सलीम ने उत्तर प्रदेश के सभी संवेदनशील जनपदों में अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया था। उसके गुर्गे किसी भी शहर में दंगा कराने में माहिर हैं। सलीम बांग्लादेश के एक दुर्दांत आतंकी संगठन से गोला बारूद लेता था। आतंकियों के लिए हथियारों का भी वह बड़ा सप्लायर रहा है। खुफिया एजेंसियां अब इन सभी बिंदुओं पर बारीकी से जांच कर रही हैं।
सलीम पतला, सलीम मोटा और जब्बार। यह वह दहशतगर्द थे जिनका नाम 27 जनवरी 1993 को मेरठ पीएसी बम कांड में सामने आया था। सलीम पतला तो फरार हो गया था जबकि बाकी सभी आतंकी गिरफ्तार कर लिए गए थे। सलीम पतला की तलाश में एसटीएफ और एटीएस को लगाया गया था। वह हाथ तो नहीं आया लेकिन उसका नेटवर्क समय समय पर सामने आता रहा।
उस समय खुफिया एजेंसियों को जो जानकारी मिली थी उसके मुताबिक सलीम ने एक ऐसा गैंग तैयार कर लिया था जो कहीं भी दो वर्गों को लड़ाकर दंगा करा सकता था। प्रदेश के सभी संवेदनशील जनपदों में उसका नेटवर्क था। हालांकि इन इक्कीस वर्षों के भीतर किसी मामले में उसका नाम तो सामने नहीं आया लेकिन माना जा रहा है कि वह बड़ी खामोशी के साथ आतंकियों के लिए काम कर रहा था।
हूजी को गोला बारूद और असलहा बरामद कराता था पतला
पूर्व डीजीपी और 1993 में मेरठ के एसएसपी रहे और मौजूदा समय में सिविल डिफेंस के डीजी ब्रजलाल ने बताया कि उस वक्त सलीम पतला का जो पूरा नेटवर्क सामने आया था वह कम्युनल आतंकवादी जैसा था। इन लोगों ने पीएसी की पोस्ट पर चाइनीज ग्रेनेड और स्टिक ग्रेनेड से हमला किया था। इनकी निशानदेही पर भारी मात्रा में आरडीएक्स भी बरामद हुआ था। सुरक्षा एजेंसियों को जो जानकारी मिली उसके मुताबिक बांग्लादेश के दुर्दांत आतंकी संगठन हूजी से सलीम के रिश्ते रहे हैं। हूजी ही सलीम को गोला बारूद और असलहे बरामद कराता था।
खून के छींटों से पकड़े गए थे पतला के साथी
मेरठ के तत्कालीन एसएसपी ब्रजलाल के मुताबिक, छब्बीस जनवरी 1993 की शाम का वक्त था। अचानक धमाका हुआ। पीएसी की पोस्ट पर ग्रेनेड फेंका गया था। एक जवान की मौत हो गई थी। क्योंकि वह रात का वक्त था लिहाजा सुबह को जब छानबीन शुरू हुई तो जगह जगह खून की छींटे पड़े थे। खून के छींटों को देखकर फोर्स मेरठ के इस्लामाबाद इलाके तक पहुंच गई थी। वहां जब्बार को गिरफ्तार कर लिया गया था जबकि बाकी लोग फरार हो गए थे।
जब्बार ने ही बताया था कि सलीम पतला और सलीम मोटा समेत सात लोग इस हमले में शामिल थे। दरअसल जब ग्रेनेड फटा था तो एक आतंकवादी का पैर भी जख्मी हो गया था। इस मामले में ब्रजलाल ने गवाही भी दी।
स्त्रोत : अमर उजाला
अद्ययावत
२ नवंबर २०१४, कार्तिक शुक्ल पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
उत्तरप्रदेश : इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी सलीम पतला २२ वर्ष बाद गिरफ्तार
मुजफ्फरनगर(मेरठ) – देश को हिलाकर रख देने वाले मेरठ के हाशिमपुरा दंगे के बाद पीएसी के कैंप पर बम फेंकने वाले मुख्य आरोपी सलीम पतला को 22 वर्ष बाद कल देर रात एटीएस ने मुजफ्फर नगर से गिरफ्तार किया। फिलहाल मुरादाबाद में पहचान छिपाकर रह रहा आरोपी किसी साथी से मिलने खतौली आया था, जहां बस स्टैंड पर एटीएस और पुलिस ने उसे दबोच लिया। आरोपी से मोबाइल और फर्जी आईडी बरामद की गई है। वह वर्ष 1992 और 1993 में मेरठ स्थित पीएसी के कैंपों में हुए बम धमाकों के बाद से फरार चल रहा था।
बुधवार देर रात 12.50 बजे मेरठ एटीएस के इंस्पेक्टर विनोद काकड़ा और खतौली कोतवाली प्रभारी सुनील कुमार त्यागी ने टीम के साथ बस स्टैंड से अधेड़ को गिरफ्तार किया। थाने लाकर आरोपी की तलाशी ली गई तो उसके पास से एक मोबाइल और फर्जी आईडी बरामद की गई। पूछताछ में उसने जो बताया उससे एटीएस और पुलिस की बांछें खिल गईं। इंस्पेक्टर सुनील त्यागी के अनुसार पकड़ा गया अधेड़ मेरठ के लिसाढ़ी गेट थाना क्षेत्र के इस्लामाबाद निवासी सलीम उर्फ पतला पुत्र अब्दुल रहमान है। वह पूर्व में प्रतिबंधित इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा था और मेरठ में वर्ष 1992 और 1993 में पीएसी के दो कैंपों में हुए बम धमाकों के बाद से फरार चल रहा था।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक फिलहाल सलीम मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र की एकता विहार कॉलोनी के बी-29 मकान में रह रहा था। दिखावे के लिए उसने मोबाइल शॉप खोल रखी थी, लेकिन उसका असली काम चोरी की लग्जरी गाड़ियों को कश्मीर के श्रीनगर में सप्लाई करने का था। आतंकियों के साथ कनेक्शन की आशंका के चलते उसके परिचितों को खंगाला जा रहा है। एसपी सिटी श्रवण कुमार ने बताया कि सलीम उर्फ पतला से पूछताछ की जा रही है। उसकी गिरफ्तारी के संबंध में खतौली कोतवाली में विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उसके आतंकी कनेक्शन के संबंध में भी एटीएस और अन्य खुफिया एजेंसियां जांच कर रही हैं।
२५ से अधिक लग्जरी गाड़ियां कश्मीर भेजीं
मेरठ के पीएसी कैंपों में बम धमाकों के बाद से फरार चल रहा सलीम पतला चोरी की लग्जरी गाड़ियों को कश्मीर के श्रीनगर समेत अन्य शहरों में सप्लाई करता था। सूत्रों के अनुसार वह अब तक 25 से अधिक ओडी, डस्टर, फार्चूनर, इनोवा आदि गाड़ियां कश्मीर भेज चुका है। इन गाड़ियों को पश्चिमी यूपी के विभिन्न शहरों के साथ ही दिल्ली से भी चोरी कर मुरादाबाद ले जाया जाता था। वहां से इन्हें फर्जी कागजात तैयार कर कश्मीर ले जाकर बेच दिया जाता था। लग्जरी गाड़ियां किसके लिए कश्मीर ले जाई जाती थीं, इसकी खुफिया एजेंसियां जांच कर रही हैं।
स्त्रोत : प्रभात खबर