सोलापुर में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ !
सोलापुर : २६ अक्तूबर के दिन जिलापरिषद के मुख्य प्रवेशद्वार के निकट समस्त हिन्दुत्वनिष्ठ संघटनोंद्वारा ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ का आयोजन किया गया था। उस समय हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती अनिता बुणगे वक्तव्य कर रही थी। अपने वक्तव्य में उन्होंने यह मांग की कि, ‘पूरे देश में साधारण नागरिकों में रोहिंग्याओं के प्रति संतप्त भावनाएं हैं ! अतः साधारण लोगों की भी यही भूमिका है कि, ‘उन्हें देश में आश्रय नहीं दिया जाए !’ रोहिंग्या मुसलमान म्यानमार में हिन्दू तथा बौद्धों पर अत्याचार करते हैं, साथ ही यह बात भी स्पष्ट हुई है कि, उनके ‘अल् कायदा’ समान आतंकवादी संघटनों के साथ भी संबंध हैं ! अतः भारत में आए रोहिंग्या मुसलसमानों को देश से बाहर निकाल दें तथा भारत की सुरक्षा को घातक सिद्ध होनेवाले रोहिंग्या मुसलमानों को इसके पश्चात भारत में प्रवेश न दें !
उस समय ‘रोहिंग्या मुसलमानों को देश से बाहर निकालें, देश बचाएं ’, इस प्रकार की अनेक घोषणाएं दी गई। आंदोलन का सूत्रसंचालन श्री. यशपाल वाडकर ने किया। आंदोलन के पश्चात निवासी उपजिलााधिकारी श्री. अजित रेळेकर को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर अन्य मान्यवरों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। उस समय सर्वश्री विठ्ठल नोरा, विलास पोतु, रणधीर स्वामी, मल्लिकार्जुन माने, रमेश आवार के साथ अधिकांश हिन्दूत्वनिष्ठ उपस्थित थे।
सिंहगड पर किए गए सुधरकार्य में भ्रष्टाचार करनेवालों को कडा दंड दें ! – श्रीमती अलका व्हनमारे, रणरागिणी शाखा
उस समय श्रीमती अलका व्हनमारे ने यह मांग की कि, ‘सिंहगड के पुर्ननिर्माण कार्य में १ करोड ३९ लक्ष रुपएं का भ्रष्टाचार किया जाने की बात हिन्दू विधीज्ञ परिषद ने सूचना अधिकार के माध्यम से उजागर की है। छत्रपति शिवराय के वंशज कहनवाले गड के निर्माणकार्य में भ्रष्टाचार करनेवाले अधिकारियों को सेवा से ही निरस्त करें !’
इस अवसर पर की गई अन्य मांगे इस प्रकार हैं …..
१. जो संघटन, व्यक्ति, अथवा धार्मिक नेताएं रोहिंग्याओं का पक्ष ले रहे हैं उन्हें तथा जातीय तनाव निर्माण करनेवाले भारतीय मुसलमानों को किसी भी प्रकार का आंदोलन करने की अनुमती शासन न दें !
२. म्यानमार के हिंसाचार के कारण निर्वासित रोहिंग्या हिन्दुओं के संदर्भ में भारत सरकार अपनी भूमिका स्पष्ट कर रोहिंग्या हिन्दुओं की सुरक्षितता का गंभीर सूत्र वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए ‘संयुक्त राष्ट्र संघ’ में उपस्थित करें !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात