भाजपा शासित मध्य प्रदेश में अगर आप हिन्दू देवी-देवताओं पर सवाल उठानेवाली फेसबुक पोस्ट करते हैं, तो आपके विरोध में एफआयआर हो सकती है। पुलिस कार्रवाई कर सकती है !
हाल ही में मध्य प्रदेश के खरगौन जिले में दो दलित युवकों पर पुलिस ने केस दर्ज किया। मामला उनकी फेसबुक पोस्ट से जुड़ा हुआ है। मध्य प्रदेश में फेसबुक पोस्ट को लेकर दर्ज हुआ ये पहला पुलिस केस है। दोनों युवकों ने फेसबुक पर दीवाली मनाए जाने को लेकर कुछ सवाल उठाए थे। उनकी भाषा आपत्तिजनक थी।
खरगौन के मैनगांव के रहने वाले रीतेश माहेश्वरी ने फेसबुक पेज पर हिंदी में लिखा था : लोग अयोध्या में राम की वापसी का जश्न मनाने के लिए दिवाली मनाते हैं। इसमें सरस्वती, लक्ष्मी, गणेश और कुबेर का क्या रोल है ? दिवाली पर इनकी भी पूजा होती है। दिवाली पर तो राम की पूजा होनी चाहिए ! २४ वर्ष के रीतेश ने भीमपुत्र रीतेश के नाम से अपनी फेसबुक आयडी बनाई है।
इसी तरह खंडवा जिले के रहनेवाले ओजस निहाले ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा था : लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करने के बावजूद हंगर इंडेक्स में भारत १००वें नंबर पर क्यों है ?
ओजस और रीतेश की फेसबुक पोस्ट पर लोगोंने उन्हें ट्रोल किया है। इसके बाद पुलिस ने रीतेश और ओजस के विरोध में केस दर्ज कर लिया।
दोनों के विरोध में केस २० अक्टूबर को खरगौन के पुलिस थाने में दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि दोनों के विरोध में आयपीसी की धारा १५३बी के तहत केस दर्ज किया गया है। शिकायत करनेवालों ने आरोप लगाया था कि ओजस और रीतेश की फेसबुक पोस्ट से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। इससे समाज में तनाव बढ़ सकता है !
स्त्रोत : फर्स्टपोस्ट