भारत को पहले हिन्दुओं का और बाद में अन्य का देश बताते हुए शिवसेना ने सोमवार को कहा कि केन्द्र में हिन्दुत्व समर्थक सरकार होने के बावजूद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और विस्थापित कश्मीरी पंडितों की घर वापसी जैसे मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने इंदौर में शुक्रवार को कहा था कि हिन्दुस्तान हिन्दुओं का देश है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि यह दूसरों का नहीं है। पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने कहा है, ‘‘आरएसएस प्रमुख का कहना है कि हिन्दुओं की भांति भारत दूसरों का भी है। शिवसेना प्रमुख का कहना है कि भारत पहले हिन्दुओं का है, बाद में अन्य किसी का क्योंकि मुसलमानों के 50 से ज्यादा देश हैं।’’
शिवसेना ने संपादकीय में लिखा है, ‘‘इसाइयों के पास अमेरिका और यूरोप (वहां के देश) जैसे देश हैं। बौद्धों के लिए चीन, जापान, श्रीलंका और म्यामां है। हिन्दुओं के पास इसके अलावा कोई देश नहीं है।’’ संपादकीय में लिखा है, ‘‘वर्तमान में हिन्दुत्व समर्थक, बहुमत वाली सरकार है। फिर भी, वह अयोध्या में राम मंदिर बनाने की इच्छुक नहीं है और उसने इसके भविष्य को अदालत के हाथों में छोड़ दिया है।’’ केन्द्र में राजग सरकार की एक घटक और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी शिवसेना का कहना है, ‘‘हिन्दुत्व समर्थक सरकार होने के बावजूद कश्मीरी पंडितों की घर वापसी नहीं हुई है।’’
यह वार्ता पढकर कुछ सूत्र ध्यान में आते है, जैसे कि :
१. आज भी यदि हम स्वतंत्रता के उपरांत हिन्दूआें की ६७ वर्षों की दु:स्थिती देखते है, तो उसमें आज भी कोर्इ खास बदलाव नहीं आया है, यहीं ध्यान में आता है । यह स्थिती बदलने हेतु अब हिन्दूआें ने संगठित होकर प्रयास करना यही समय की आवश्यकता है, नहीं तो हिन्दूआें का अस्तित्व ही संकट में आ सकता है ।
२. आज हिन्दूआें के सामने जितनी भी समस्याए है, अन्य राष्ट्रीय समस्याए है, उस सभी का उत्तर केवल हिन्दू राष्ट्र की स्थापना यही है । इसलिए अब सभी ने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु शीघ्रता से प्रयास करने चाहिए ।
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