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भोजशालाके संदर्भमें कुंभमेलेमें संतोंकी ‘भाजपा’को स्पष्ट चेतावनी !

माघ कृष्ण १० , कलियुग वर्ष ५११४

यदि धारकी भोजशालामें वसंत पंचमीको नमाजपठनकी अनुमति दी गई, तो संत कुंभमेला छोडकर मध्यप्रदेशमें आंदोलनके लिए जाएंगे ! – श्रीकाशीसुमेरू पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी नरेंद्राचार्य सरस्वती


बाईं ओरसे श्रीकाशीसुमेरू पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी नरेंद्राचार्य सरस्वती, उनके निकट
महामंडलेश्वर स्वामी यतीन गिरीजी महाराज, महंत स्वामी श्री प्रबोधानंद गिरीजी महाराज एवं पू. डॉ. चारुदत्त  पिंगळे

विशेष प्रतिनिधिकी ओरसे

प्रयागराज – यहांके ‘प्रेस क्लब’में ‘मां सरस्वती मंदिर, भोजशाला मुक्ति यज्ञ समिति’द्वारा एक पत्रकार परिषद आयोजित की गई थी । इस परिषदमें पत्रकारोंको संबोधित करते हुए श्रीकाशीसुमेरू पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वतीजी महाराजने भाजपाको कठोर शब्दोंमें चेतावनी दी कि धार, मध्यप्रदेशकी भोजशालामें माता सरस्वती मंदिरमें १५ फरवरीको वसंत पंचमीके अवसरपर हिंदुओंको पूरे दिन पूजाअर्चा करने हेतु अनुमति दी जाए, उस दिन मुसलमान बाहर कहीं भी नमाजपठन करें । यदि भाजपा सरकारने हिंदुओंका अधिकार अस्वीकार कर नमाजपठन करनेकी अनुमति दी, तो हम महाकुंभ छोडकर वहां आंदोलन करने हेतु निकल जाएंगे । इसके पश्चात वहां उत्पन्न स्थितिके लिए भाजपा उत्तरदायी होगी ।

इस अवसरपर जगद्गुरु स्वामी नरेंद्राचार्य सरस्वतीजीने कहा कि महाराज भोजद्वारा स्थापित की गई भोजशालामें न कभी मस्जिद थी, न आज है । वर्षमें केवल एक बार वसंत पंचमीको हिंदुओंको सरस्वती मंदिरमें पूजाअर्चा करनेका अधिकार है । इसके लिए किसीके द्वारा विरोध करनेपर कोई भी विषम स्थिति उत्पन्न होनेकी संभावना है । हम शांति एवं सद्भावनाकी अपेक्षा करते हैं; परंतु सरकारने हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंका सम्मान नहीं किया, तो उत्पन्न होनेवाली स्थितिके लिए सभी दृष्टिसे सर्वस्वी सरकार उत्तरदायी होगी ।

हमारे लिए प्रथम हिंदू, पश्चात संघ एवं भाजपा ! – महामंडलेश्वर स्वामी यतीनगिरिजी महाराज

वर्ष २००६ में वसंत पंचमीको मध्यप्रदेशकी भाजपा सरकारने मुसलमानोंके तुष्टीकरण हेतु हिंदुओंको मारा-पीटा था । इस संदर्भमें वहांकी सरकार हिंदुओंसे क्षमायाचना करे । इसके साथ ही हिंदुओंकी मारपीट करनेवाले  पुलिसकर्मियोंपर दंडात्मक कार्यवाही करे । १५ फरवरी वसंत पंचमीको सरस्वती मंदिरमें हिंदुओंको पूरे दिन पूजा करनेकी अनुमति दे, अन्यथा देशभरमें हिंदू तीव्र आंदोलन करेंगे । हमारे लिए हिंदू प्रथम पश्चात भाजपा, संघ एवं विश्व हिंदू परिषद हैं । भाजपाकी तत्कालीन मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारतीने संकल्प किया था कि माता सरस्वतीकी पूजा निरंतर होगी । अब इसी पक्षके वर्तमान मुख्यमंत्री संकल्प पूरा करें ।

भाजपाको केवल कुंभमेलेमें ही श्रीराममंदिरका स्मरण होता है ! – जगद्गुरु स्वामी श्री पंचाननगिरीजी महाराज

कांग्रेसके दिग्विजय सिंहने मध्यप्रदेशका सरस्वती मंदिर मुसलमानोंकी नमाजके लिए खोला तथा भाजपाके कार्यकालमें हिंदुओंको बसंत पंचमीपर एक दिनके लिए भी पूजाअर्चा करनेकी अनुमति अस्वीकार कर दी गई । कांग्रेस एवं भाजपा, दोनों एक ही हैं । जब कुंभमेला आता है, तब भाजपाको श्रीराममंदिरका स्मरण होता है । वसंत पंचमीको हिंदुओंको सरस्वती मंदिरमें पूरा दिन पूजा करनेकी अनुमतिको प्राथमिकता है ।

पत्रकार इस समस्याकी गंभीरताको जानें ! – हिंदू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ.चारुदत्त पिंगळे

वर्ष २००६ में सरस्वती मंदिरके लिए हिंदुओंपर अत्याचार हुआ आज भी वह समस्या वैसी ही क्यों है ? उस समय पत्रकारोंने इस विषयपर गंभीरतासे ध्यान नहीं दिया । देशके एक स्थानपर हिंदुओंपर इतने अत्याचार हो रहे हैं तथा इस विषयमें पूरा देश अनभिज्ञ है । पत्रकारोंको इस समस्यापर गंभीरतासे विचार करनेका समय आ गया है ।

इस अवसरपर माता सरस्वती मंदिर, भोजशाला मुक्ति यज्ञ समितिके राष्ट्रीय संयोजक श्री. नवल किशोर शर्मा एवं हिंदू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे भी उपस्थित थे ।

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात

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