कार्तिक शुक्ल पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
लंदन/बगदाद – इराक और सीरिया में अमानवीयता की सारी हदें पार कर चुके आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने कब्जा गए कम से कम 11 तेल कुओं का पूरा लाभ उठाने के लिए “शराफत” का नकाब ओढ़ लिया है। इन तेल कुओं को चलाने के लिए उसे विशेषज्ञ ऑयल प्लांट मैनेजरों की जरूरत आन पड़ी है। इसके लिए विज्ञापन जारी किया है। इसमें मैनेजरों को 1.4 लाख ब्रिटिश पाउंड (करीब 1.5 करोड़ रूपए) सालाना वेतन समेत अन्य सुविधाओं का लालच दिया गया है।
अब तक संगठन प्रशिक्षित इंजीनियरों को धमका रहा था कि यदि काम छोड़ा तो उनके परिजन मार दिए जाएंगे। इसके बावजूद कई इंजीनियरों ने मना कर दिया, जिन्होंने काम किया भी, उनमें उत्पादकता का अभाव दिखा। संगठन को बड़ा झटका लगा, जब कुओं में एक के बाद एक हादसे होने लगे। लिहाजा आकर्षक वेतन और सुविधाओं के जरिए मैनेजरों की तलाश शुरू करना संगठन की मजबूरी है।
बताया जा रहा है कि मध्य पूर्व की राजनीति और तेल पर नजर रखने वाले वाशिंगटन स्थित सलाहकार मैथ्यू एम रीड ने कहा, इन तेल कुओं से उत्पादित तेल के खरीदार भी नहीं हैं। माना जा रहा है कि इस वक्त इन कुओं का तेल रेडियोधर्मी है। कोई इसे हाथ नहीं लगाना चाहता। यहां से निकला ज्यादातर तेल स्थानीय और आसपास के तस्करों के हाथों बेचा जा रहा है, जिनसे संगठन को मुनाफा होता नहीं दिख रहा।
इससे पहले भी आईएस ने महिलाओं को लुभाने की गरज से दिशा निर्देश प्रसारित किया। इसमें बताया जा रहा है कि आईएस लड़ाकों की अच्छी पत्नी कैसे बनें। दिशा-निर्देश का प्रसार संगठन की नई मीडिया शाखा द जोरा फाउंडेशन कर रही है। एक ब्रिटिश अखबार के मुताबिक, आईएस अब तक सोशल मीडिया पर क्रूरतापूर्वक फांसी, हिंसक अत्याचार, आतंकी ट्रेनिंग, पश्चिमी देशों को धमकी के वीडियो अपलोड करता रहा है। पुरूषों को आकर्षित करने वाली प्रचार सामग्री की जगह अब महिलाओं पर ध्यान केंद्र्रित किया जा रहा है।
८५ और लोगों की हत्या की
वहीं आईएस ने इराक के अल्बु निम्र कबाइली गुट के 85 और लोगों को गोली से उड़ा दिया। आईएस ने पिछले सप्ताह इलाके में अपना अभियान शुरू किया था। अल्बु निम्र उसका प्रतिरोध कर रहा था। आईएस ने 50 लोगों की शुक्रवार को भी हत्या की थी।
स्त्रोत : पत्रिका