भारत के मुसलमान क्या ये शरिया कानून चाहते है ? भारत निधर्मी देश है, तो यहां अलग कानून क्यों चाहिए ? इसलिए देेश में समान नागरी कानून लागू होना चाहिए – सम्पादक, हिन्दूजागृति
काहिरा – मिस्र के एक मौलवी ने कहा है कि, इस्लाम पुरुषों को अपनी नाजायज़ बेटियों से शादी करने की अनुमती देता है इसलिए वे ऐसा कर सकते हैं। इमाम अल-शफी नाम के मौलवी ने कहा है कि नाजायज़ बेटियों का आधिकारिक तौर पर पिता से कोई संबंध नहीं रहता इसलिए वे अपने पिता से शादी करने लायक हैं। मौलवी ने यह बयान एक विडियो के जरिए दिया जो अब काफी वायरल हो रहा है।
‘द सन’ के अनुसार मिस्र के अल-अजहर यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले अल-सेरसावी ने यह विडियो शेयर किया है और दावा किया है कि अल-शफी मानते हैं कि अगर कोई बच्ची नाजायज रिश्तों की वजह से पैदा हुई है तो पिता उस बच्ची के साथ सेक्स और शादी कर सकता है क्योंकि सच में वह उस शख्स की बेटी नहीं है। इमाम का कहना है कि नाजायज बेटी अपने पिता का नाम से नहीं जुड़ती, इसलिए शरिया के मुताबिक वह उसकी बेटी नहीं।
इसी साल, मिस्र के एक अन्य मौलवी ने एक टेलिविजन डिबेट में कहा था कि शरिया में लड़कियों की शादी की कोई तय उम्र नहीं है इसलिए उनके पैदा होते ही शादी की जा सकती है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स