उत्तरप्रदेश के अलीगढ में खेत और मस्जिद के बीच बने शौचालय को तोड़ने के कारण धर्माधों ने हिन्दुआेंपर आक्रमण किया। इस घटना में एक युवक की मौत हो गई है जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। पथराव और मारपीट के बाद कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया है। प्रशासन ने वारदात की संवेदनशीलता को देखते हुए भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिया है।
जनसत्ता के अनुसार, यहां रामवीर शर्मा के खेत में एक शौचालय है। यह करीब दशकभर पहले तब बना था, जब खेत की मालकिन रामवीर की मां और गांव के ही बुंदू खां संयुक्त रूप से हुआ करते थे। इसका उपयोग बगल में बनी मस्जिद में आने वाले मुस्लिम समाज के लोग करते हैं। बुंदू खां के पास खेत रहने तक कोई बात नहीं हुई। आठ साल पहले रामवीर ने बुंदू खां से उनका हिस्सा खरीद लिया। इस बीच, लोगों की संख्या बढ़ी और शौचालय का पानी खेत में पहुंचना रामवीर को अखरने लगा। फसल खराब होने का हवाला देते हुए रामवीर ने इसे तुड़वाना चाहा। किंतु, अल्पसंख्यक लोगों ने इसका डटकर विरोध किया। रामवीर ने जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसरों के यहां खूब चक्कर काटे। दबाव तक बनवाया कि पुलिस-प्रशासनिक अफसर इसे हटवा दें। मगर, पक्का शौचालय होने के कारण जिला प्रशासन ने साफ कर दिया कि इस बारे में निर्णय का अधिकार सिर्फ सिविल कोर्ट में निहित है। उनके अधिकार में यह निर्णय करना नहीं है। शुक्रवार को जब हिन्दुअों ने शौचालय ध्वस्त करने की तैयारी की तो अल्पसंख्यक लोगों ने उनपर हमला बोल दिया । इस आक्रमण में गोलिबारी, आगजनी भी हुर्इ । हिंसा में एक युवक की मौत के साथ कई लोगों के घायल हुए है। अधिकतर हिन्दु घरों के अंदर दुबके हुए हैं। कुछ लोग घायलों के साथ अलीगढ़ जबकि कुछ विवाद से बचने के लिए गांव छोड़ गए हैं।
१. छोटे से कारण को लेकर बात दंगा भडकाने की धर्मांधों की यह नीति कुछ नर्इ नहीं है। प्रत्येक हिंसा से उनकी जिहादी मानसिकता ही सामने आती रही है।
२. हिन्दुओ, इन जिहादीयोंपर यदि समय रहते ही नियंत्रण नहीं पाया गया, तो वे इस देश का इस्लामीकरण किए बिना नहीं रहेंगे । यह स्थिति को बदलने के लिए हिन्दुआें ने संघटित होकर ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु प्रयास करें !
३. आज हिन्दूबहुल भारत में ही हिन्दुआें पर आक्रमण बढ रहे है । पुलिस तथा प्रशासन आपकी रक्षा करने के लिए सक्षम नहीं है, एेसा कुछ उदाहरणों से सामने आया है । इसलिए अब हिन्दुआें ने संगठित होना चाहिए तथा भारतीय संविधान के अनुसार अपनी रक्षा हेतु स्वरक्षा प्रशिक्षण भी लेना चाहिए ।