रियाद : सऊदी अरब के शाह सलमान ने नैशनल गार्ड की अगुवाई करने वाले एक प्रमुख शहजादे को बर्खास्त कर दिया और उसके स्थान पर आर्थिक मामलों एवं नियोजन मंत्री को नियुक्त किया है। साथ ही उन्होंने नई भ्रष्टाचार रोधी समिति बनाने की भी घोषणा की है। देश के शक्तिशाली वली अहद शहजादे (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान की अगुवाई में भ्रष्टाचार की नई जांच में ११ शहजादों और दर्जनों पूर्व मंत्रियों को हिरासत में लिया गया है।
नवभारत टाइम्स के अनुसार, सऊदी अरब के उलेमा की शीर्ष परिषद ने एक बयान जारी कर कहा कि, भ्रष्टाचार के विरोध में लडना इस्लामी फर्ज है। इनकी उच्च स्तरीय गिरफ्तारियों के लिए मजहबी नेताओं का समर्थन आवश्यक है। सरकार ने कहा कि, भ्रष्टाचार रोधी समिति को गिरफ्तारी वॉरंट जारी करने, यात्रा प्रतिबंध लगाने और बैंक खातों पर रोक लगाने के अधिकार हैं। यह समिति कोष का पता लगा सकती है, कोष के स्थानातंरण को रोक सकती है तथा अन्य एहतियाती उपाय कर सकती है जब तक कि मामलों को न्यायपालिका में न भेजा जाए।
सऊदी अरब के नागरिक लंबे अरसे से सरकार में भ्रष्टाचार और सत्ता में बैठे लोगों द्वारा कोष का दुरुपयोग किए जाने की शिकायत करते रहे हैं।
यह समाचार पढने के बाद मन में यह विचार आता है कि,
एक आेर देश से भ्रष्टाचार मिटाने के लिए सऊदी अरब वरिष्ठ शहजादों, राजकुमारों को भी बर्खास्त तथा गिरफ्तार करने का सक्त कदम उठाता है । वही दुसरी आेर भारत जैसे लोक-तंत्र वाले देश में हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार देखने को मिलता है । बच्चे के स्कूल से लेकर अस्पताल तक आपको भ्रष्टाचार करनेवाले जगह-जगह मिलेंगे । बिना भ्रष्टाचार तो आपको नौकरी आैर खाना मिलना भी मुश्किल है । एेसे में कोर्इ भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज उठाता है ताे उसकी आवाज दबार्इ जाती है । आैर यदि भ्रष्ट अधिकारीयों पर कोर्इ कारवार्इ की मांग होती है, तो उनकी सुनवार्इ में साल निकल जाते है । एेसे में सऊदी अरब का आदर्श भारत को लेना चाहिए ।