नई देहली : इस समय पूरे देश में अंतर-धार्मिक विवाह पर बहस छिडी हुई है । लव जिहाद और अंतर-धार्मिक विवाह को लेकर न्यायालय से लेकर समाज तक चर्चाएं चल रही हैं । ऐसे में भाजपा के वरिष्ठ नेता और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि, हर अंतर-धार्मिक विवाह को लव जिहाद कहना सही नहीं है ।
उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने भी दूसरे धर्म में शादी की है, लेकिन ये प्यार और शादी में जिहाद शब्द कहां से और कब आ गया, पता ही नहीं ।
नकवी ने कहा कि,
१. वह जोर-जबरदस्ती शादी करने के विरोध में हैं । शादी प्यार और आपसी सहमति का रिश्ता है ।
२. अंतर-धार्मिक विवाह में लव जिहाद को एक साजिश के तहत शामिल किया जा रहा है । इसकी जांच होनी चाहिए । किसी भी देश में जोर-जबरदस्ती से कोई परिवर्तन नहीं लाया जा सकता ।
३. लव जिहाद, शादी के बाद धार्मिक बदलावों से जुड़ा शब्द है हालांकि यह एक व्यक्ति की इच्छा के अनुसार हो सकता है । हाल के दिनों में कई समूहों ने आरोप लगाया है कि यह लव जिहाद एक योजना के तहत किया जा रहा है ।
४. भारतीय आम तौर पर कट्टरता से दूर रहते हैं । अगर ऐसा नहीं होता तो आज देश पर हिंदू महासंघ या मुस्लिम लीग का राज होता । भारत में अल-कायदा सफल नहीं हो सका और उसी तरह आईएसआईएस भी सफल नहीं हो पाए हैं । कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन यूरोपीय देशों के मुकाबले में ये ना के बराबर हैं ।
यह समाचार पढकर कुछ प्रश्न मन में आते है जैसे कि . . .
१. देश में लव जिहाद के इतने प्रकरण सामने आ रहे है एवं न्यायालय ने भी इसके जांच के आदेश देने के बाद एन्आयए को इसके सुराग मिल रहे है एेसी स्थिति में नकवी किसकी वकालत कर रहे हैं ? ये तो लव-जिहाद का अस्तित्व नकराने के लिए किया गया वक्तव्य तो नहीं, एेसा प्रश्न हिन्दुआें के मन में आता है ।
२. आतंकवाद का कोर्इ धर्म नही होता, परंतु हर समय पकडा जानेवाला आतंकी मुसलमान ही होता है यह जिस तरह से सत्य है उसी तरह से अंतर-धार्मिक विवाह लव जिहाद नही होता परंतु हिन्दू युवती एवं मुसलमान युवक का विवाह लव जिहाद ही होता है यह भी सत्य है ।
३. मुसलमान युवती आैर हिन्दू युवक एेसा विवाह कितनी मात्रा में होता है ? तथा इस विवाह का आगे क्या होता है ? यह भी नकवीजी ने कहना चाहिए ।
४. कुछ दिन पहले केरल में र्इसार्इ युवक आैर मुसलमान युवती ने प्रेम विवाह करने के बाद वहां के मस्जिद के इमाम ने मुसलमान युवती के परिवार का बहिष्कार किया । क्या यह नकवीजी को ज्ञात नही ?
५. नकवीजी जहां कट्टरता की बात कर रहे है, तो कश्मीर में आज कट्टरपंथियों का राज चल रहा है । क्या यह उन्हे पता नही है ? आज से ३ दशक पहले मस्जिदो में दिए गए चेतावनी के बाद ४.५० लाख हिन्दुआें को कश्मीर छोड के भागना पडा था, क्या यह कट्टरता नही थी ?