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मांस का निर्यात तो दूर जो गौ से क्रूरता करेगा, वह जेल में होगा – योगी आदित्यनाथ

लखनऊ में विश्व हिन्दू परिषद के गौरक्षा अधिवेशन में रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी ने ​भी हिस्सा लिया। निरालानगर के माधव सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि, उत्तरप्रदेश से गौ मांस निर्यात होता है, ये झूठ है। उत्तरप्रदेश से एक तिनका भी गौ मांस का निर्यात नहीं होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मांस का निर्यात तो दूर जो गौ से क्रूरता करेगा, वह जेल में होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोग गाय का दूध पीकर सड़कों पर छोड़ देते हैं। गाय सड़कों पर पॉलीथीन और कचरा खाती है। गौवंश का नस्ल सुधार कैसे हो, ये देखना होगा।

उन्होंने कहा कि प्रचार प्रसार के अभाव में सुधार दबा हुआ है। पहले गौ माता हमारी समस्या को हरती थी। आज हम ही गौ माता को समस्या मानने लगे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौ-संरक्षण और गौ-संवर्धन दोनों का काम हमें करना है। गौ नस्ल सुधार पर हमें शोध करना चाहिए था। भारतीय गौ की नस्ल धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। गौचर भूमि पर अनेक प्रकार से कब्जे हैं, उन्हे हटाना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गाय को घर में बांधेंगे तो हमें और भी लाभ मिलेंगे। गाय माता दूध दे या न दे, पर गोबर और गौ-मूत्र तो देती है। हर चीज को हम सरकार के भरोसे छोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की आबादी 125 करोड़ है, वहीं गौ माता सिर्फ 3 से 4 करोड़ हैं। हम सभी संकल्प ले तो 30 से 40 करोड़ गौ का संवर्धन हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को सिर्फ ७ माह हुए हैं, हमने बूचड़खानों को प्रतिबंधित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी भूमि से सभी तरह के कब्जे हटाए जाएंगे। गौचर भूमि को संवर्धित और संरक्षित करेंगे। 22 से 23 इकाईयों में हम गौशाला खोलने जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, गाय के चारे और गौशाला की व्यवस्था स्थानीय कमेटियां लें। गौशाला में सरकार बुनियादी सुविधाएं देगी पर जिम्मेदारी लेनी होगी। समस्या ये है कि हम अपने स्तर पर कितना कार्य कर रहे हैं। पहले चरण में हमने 23 से 25 जनपद लिए हैं। 75 हजार से लेकर 1 लाख तक गौ वंश का संरक्षण हम करेंगे। स्थानीय स्तर पर कमेटियां बनेगी और लोगों की सहभागिता होगी।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कानून संरक्षण दे सकता है, लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। गौ सेवा करनी है तो हमें साल भर के चारे की व्यवस्था भी करनी होगी। भारतीय संस्कृति को बचाना है तो हमें गौ, तुलसी, गंगा को बचाना होगा।

स्त्रोत : न्यूज १८

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