वाघा बॉर्डर पर हमले के बाद नरेंद्र मोदी को आतंकवादी सगंठन की धमकी

कार्तिक शुक्लपक्ष त्रयोदशी / चतुर्दशी, कलियुग वर्ष ५११६

modiनई दिल्ली – रविवार को पाकिस्तानी क्षेत्र में बाघा बॉर्डर पर हुए आत्मघाती हमले के ‘जिम्मेदार’ आतंकी संगठन ने इसका तार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धमकी से जोड़ दिया है।

वाघा बॉर्डर पर धमाके की जिम्मेदारी लेने के कुछ घंटे बाद ही आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जमात अहरार (TTP-JA) के प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान ने ट्विटर पर रिलीज संदेश में कहा, ‘तुम सैंकड़ो मुस्लिमों के कत्ल के गुनहगार हो। हम गुजरात और कश्मीर में मारे गए बेगुनाहों का बदला लेंगे।’

अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक, पीएम मोदी को धमाके के बाद से दो बार इसकी जानकारी दी जा चुकी है। इंटेलिजेंस ऑफिसर्स के मुताबिक, कराची के रियाज शाहबंदरी और लेफ्टिनेंट मुहम्मद अहमद जरार सिद्दीबापा के नेतृत्व वाली इंडियन मुजाहिदीन की ही इस एक और शाखा का अल-कायदा में विलय हो चुका है। इंडियन मुजाहिदीन के इस प्रतिद्वंद्वी संगठन को अन्सुर उल तौहीद के नाम से जाना जाता है, और इसकी ट्रेनिंग TTP-JA के कैंपों में ही होती है।

मौलाना कासिम के नेतृत्व में, TTP-JA का गठन सितंबर में उन कमांडर्स के साथ हुआ, जिन्होंने तहरीक-ए-तालिबान के पाक सरकार से बातचीत के फैसले का बहिष्कार कर दिया था। इस्लामिक स्टेट से प्रेरित, इस आतंकी संगठन के नेतृत्व का अल-कायदा चीफ अयमान अल जवाहिरी से भी निजी जुड़ाव रहा है। पत्रकार से जिहादी बने इसके प्रमुख कमांडर उमर खालिद खोरासनी पाकिस्तान सरकार को उखाड़ फेंकने की मंशा भी रखते हैं।

भारत के लिए खतरा इसलिए भी बड़ा है क्योंकि खोरासनी की मंशा देश में शरिया लागू कर, परमाणु हथियारों तक पहुंच बनाकर जिहादियों को तब तक धन देना है जब तक पूरी दुनिया में खिलाफत की स्थापना नहीं हो जाती।फरवरी में, उमर खालिद ने पाकिस्तान के 23 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था। अल जवाहिरी ने भी नया कदम उठाते हुए उपमहाद्वीप के लिए अल-कायदा की एक नई शाखा बनाने का ऐलान कर डाला। इस नई शाखा से अल-कायदा का मकसद खुद को जीवित रखना तो था ही साथ में भारत के खिलाफ नए सिरे से लड़ाई की शुरुआत करना भी था।

स्त्रोत : नवभारत टाइम्स


अद्ययावत


कार्तिक शुक्लपक्ष द्वादशी, कलियुग वर्ष ५११६

वाघा के आत्मघाती का निशाना थे भारतीय, सिख जत्थे पर था हमले का इरादा

भारत-पाकिस्तान सीमा पर भयंकर आत्मघाती हमले का निशाना भारतीय थे। एक अंग्रेजी अखबार ने खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर यह कहा। उसका कहना है कि आत्मघाती हमलावर भारतीयों को मारना चाहता था लेकिन उससे चूक हो गई।

समझा जाता है कि वह आत्मघाती सिखों के एक बड़े जत्थे को निशाना बनाने आया था। दरअसल वहां से सिखों का एक बड़ा जत्था लाहौर के पास ननकाना साहिब जाने वाला था जहां गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ और उनकी जयंती मनाई जाने वाली थी। पाकिस्तान सरकार ने उन्हें इसिलिए वीजा दिया था। पाकिस्तान के आतंकी गिरोहों का निशाना संभवतः वही जत्था था। वैसे भी वह आतमाघाती हमलावर भारत की सीमा की तरफ बढ़ रहा था जिसे पाक रेंजरों ने रोक दिया था।

61 बेगुनाहों की जान लेने वाले हमलावर की अभी तक पहचान नहीं हुई है और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां अभी तक हवा में हाथ-पैर मार रही हैं। पाकिस्तान में दर्जनों कट्टर इस्लामी गिरोह हैं जो इस तरह के कामों को अंजाम देते रहते हैं।

भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि आत्मघाती हमला पाकिस्तान की अंदरूनी राजनीति में चल रहे विवादों का नतीजा है। समझा जाता है कि वहां आपसी मतभेद बढ़ गए हैं जिसका नतीजा यह हमला है। दरअसल वहां सरकारी और गैर सरकारी कई गुट हैं जो नहीं चाहते कि भारत और पाकिस्तान में बातचीत हो। वे दोनों के बीच शत्रुता बढ़ाना चाहते हैं। इस हमलावर का भी इरादा भारतीयों को नुकसान पहुंचाने का था लेकिन वह बम वहीं फट गया ।

स्त्रोत : आज तक


कार्तिक शुक्लपक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६

वाघा सीमा पर धमाके का आदेश हमने दिया : तालिबान

talibanवाघा सीमा के पास पाकिस्तान के भीतर हुए धमाके की तालिबान और तालिबान से जुडे चरमपंथी संगठन जुनदुल्लाह ने जिम्मेदारी ली है। इन संगठनों का दावा है कि उन्होंने इस हमले का आदेश दिया था।

पाकिस्तान में रविवार को लाहौर के निकट वाघा सीमा के पास जोरदार धमाका हुआ था। इसमें 50 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। पाकिस्तान पुलिस के मुताबिक यह आत्मघाती हमला था।

पाकिस्तानी पंजाब के आईजी पुलिस मुश्ताक सखेरा ने इसकी पुष्टि की है कि यह विस्फोट आत्मघाती था। मारे गए लोगों में कई पाकिस्तानी रेंजरों, अधिकारियों के अलावा महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

खबरों में कहा गया है कि यह वारदात वाघा बार्डर पर रोजाना की फ्लैग परेड के तुरंत बाद हुई। प्रशासन ने लाहौर के सभी अस्पतालों में आपातकाल लागू कर दिया है।

अस्पताल के डीएमएस डॉ खुर्रम ने स्थानीय टेलीविजन एक्सप्रेस न्यूज से बातचीत में इसे नरसंहार बताया है।

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पाकिस्तान प्रशासित पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ ने इस घटना की रिपोर्ट मांगी है। उधर, पाकिस्तान तहरीक इंसाफ ने ट्विटर पर एक संदेश में इस धमाके पर अफसोस जताया है।

स्त्रोत : अमर उजाला


३ नवंबर २०१४, कार्तिक शुक्लपक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६

वाघा बॉर्डर धमाका : २५ किलो विस्फोटक के साथ पहुंचा था बीस की उम्र का फिदायीन हमलावर

इस्लामाबाद : वाघा बार्डर के नजदीक पाकिस्तान की ओर रविवार को हुए भीषण आत्मघाती हमले में कम से कम 55 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 11 महिलाएं और 3 पाकिस्तानी रेंजर्स भी शामिल हैं। 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के अलावा भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की पुरजोर निंदा की है। यह हमला उस वक्त हुआ, जब सैकड़ों लोग पाकिस्तान रेंजर्स की फ्लैग सेरेमनी देखकर वापस लौट रहे थे। पाकिस्तानी पुलिस के मुताबिक, आत्मघाती हमलवावर की उम्र 20 के आसपास रही होगी। वह अपने साथ करीब 20 से 25 किलो विस्फोटक लाया था। इसमें से कुछ विस्फोटक उसने अपने जैकेट के अंदर छिपा रखा था। युवक को परेड ग्राउंड के बाहर रोका गया, जहां उसने विस्फोट कर दिया। घटना के बाद शुरुआत में दावा किया गया कि यह सिलिंडर का धमाका है।

जुटी थी काफी भीड़

घटना पाकिस्तानी शहर लाहौर से महज 22 किमी की दूरी पर हुई। एक प्रत्यक्षदर्शी इमदाद हुसैन ने बताया कि वह परेड का कार्यक्रम देखकर वापस लौट ही रहा था कि उसे तेज धमाका सुनाई पड़ा। इमरान ने कहा, “मैं बेहोश हो गया। जब मुझे होश आया, हर ओर अंधेरा था। काफी लोग घायल पड़े थे। मैं सड़क पर पड़ा मदद के लिए चिल्लाया। करीब 15 मिनट बाद कुछ लोग मुझे बचाने के लिए मौके पर पहुंचे। उन लोगों ने मुझे अस्पताल पहुंचाया।” लाहौर के सभी अस्पताल में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है।

भारतीय टूरिस्ट्स को बताया गया, चायनीज टायर फट गया

अटारी-वाघा बॉर्डर पर रीट्रीट सेरेमनी देखने पहुंचे भारतीय टूरिस्ट्स को धमाके की आवाज सुनाई दी, तो वहां मौजूद बीएसएफ सुरक्षाकर्मियों ने अफरातफरी मचने की आशंका के मद्देनजर कहा कि यह टायर का ब्लास्ट है। सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि पाकिस्तानी व्यापारी चीनी टायरों का इस्तेमाल करते हैं। मुंबई के एक स्कूल से बच्चों को लेकर पहुंचे स्पोर्ट्स टीचर लक्ष्मीकांत भंडारी ने कहा कि गेट की ओर वह बढ़ ही रहे थे कि धमाका हुआ। उन्होंने कहा, “हमारे पैरों तले जमीन हिल गई। हमें आशंका थी कि पाकिस्तान की ओर हमला हुआ है, लेकिन बीएसएफ के सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि यह टायर का धमाका है। मुझे विश्वास नहीं हुआ, हमनें पाकिस्तान की ओर आग की लपटें उठती देखीं।”

पहले से ही चाक चौबंद थी सुरक्षा

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अलर्ट और पाकिस्तानी तालिबान की धमकियों के मद्देनजर बीएसएफ ने पाक सीमा पर सुरक्षा पहले ही काफी कड़ी कर रखी थी। अब इस हमले के बाद पाकिस्तान से सटी सीमा के सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा और भी कड़ी कर दी गई है।

स्त्रोत : दैनिक भास्कर


२ नवंबर २०१४, कार्तिक शुक्लपक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६

पाकिस्तान : वाघा बॉर्डर पर धमाका, ४८ की मौत

लाहौर – पाकिस्तान में रविवार शाम को वाघा बॉर्डर पर फ्लैग होस्टिंग सेरिमनी के दौरान हुए एक ब्लास्ट में करीब 48 लोगों के मारे जाने की खबर है। बताया जा रहा है कि इस ब्लास्ट को एक फिदायीन हमलावर ने अंजाम दिया। मरने वालों में बच्चे और दो पाकिस्तान रेंजर भी शामिल हैं।

शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक इस ब्लास्ट में 55 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है। उधर, बीएसएफ ने बताया है कि इस ब्लास्ट से भारत की तरफ किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है।

पंजाब पुलिस के चीफ मुश्ताक अहमद सुखेरा ने पुष्टि करते हुए बताया कि यह एक फिदायीन हमला था। उन्होंने कहा कि फिदायीन हमलावर को वाघा बॉर्डर के परेड ग्राउंड के चेक पोस्ट पर जैसे ही रोका गया, उसने ब्लास्ट कर दिया। उस समय वहां काफी लोग मौजूद थे।

इस ब्लास्ट में घायल हए लोगों को लाहौर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। लाहौर के सभी अस्पतालों में इमर्जेंसी घोषित कर दी गई है। पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने इस घटना पर रिपोर्ट तलब की है।

वाघा बॉर्डर पर होने वाली फ्लैग होस्टिंग सेरिमनी को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे हुए थे। शुरुआत में इस ब्लास्ट को सिलेंडर से हुआ धमाका बताया जा रहा था, लेकिन बाद में अधिकारियों ने इसे फिदायीन हमला करार दिया।

स्त्रोत : नवभारत टाइम्स

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