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श्रीलंका में मंदिर की तोडफोड कर मूर्तियों का अनादर !

भारत के पडोसवाले अन्य धर्मियों के देश में अल्पसंख्य हिन्दुआें का निरंतर उत्पीडन किया जा रहा है; परंतु हिन्दुबहुसंख्यक भारत की ओर से उनके साथ हो रहे अन्याय का कभी भी विरोध नहीं किया गया है अथवा हिन्दुआें के संगठनों की ओर से अपेक्षित दबाव नहीं बनाया गया है, जो हिन्दुआें के लिए लज्जाप्रद है !

कोलंबो – श्रीलंका स्थित हिन्दुबहुसंख्यक निलाथारी क्षेत्र में स्थित मुथालीयारकुलम् गांव में श्री अरुल्मिकू सिद्धिविनायक मंदिर की २ नवंबर की प्रातः तोडफोड कर वहां की मूर्तियों को उखाडकर बाहर फेंके जाने का ध्यान में आया है ।

मुथालीयारकुलम् गांव में हिन्दुआें के ३३० परिवार हैं, जिन में १ सहस्र १५६ हिन्दू रहते हैं । इसके अतिरिक्त अन्य १२१ परिवारों में ४६५ ईसाई एवं शेष २८ परिवारों में ९२ मुसलमान रहते हैं । यहां के ईसाई एवं मुसलमान यहां के हिन्दुआें को सदैव कष्ट पहुंचाते हैं । इस गांव में हिन्दुआें के अनेक मंदिर हैं, उनमें से यह एक श्री अरल्मिकू सिद्धिविनायक मंदिर है । इस गांव में हिन्दुआें के धर्मपरिवर्तन की अनेक घटनाएं हो चुकी हैं, साथ ही लव जिहाद की भी एक घटना हुई है । अतः इस घटना के पीछे ईसाई अथवा मुसलमान धर्मियों का हाथ होने की हिन्दुआें को आशंका है ।

श्रीलंका बौद्धबहुसंख्यक देश है । वहां के संविधान के अनुसार चाहे बौद्ध धर्म को शीर्षस्थान दिया गया हो, तो भी अन्य धर्मियों को भी धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान की गई है; परंतु सदैव हिन्दुआें को ही बौद्ध धर्मियों के क्षोभ का सामना करना पडता है ।

इस चित्र को किसी की धार्मिक भावनाआें को आहत करने हेतु प्रकाशित नहीं किया गया है ! – संपादक

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