भारत के पडोसवाले अन्य धर्मियों के देशों में वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुआें का निरंतर उत्पीडन हो रहा है; परंतु भारत सरकार की ओर से कभी भी इस अन्याय का विरोध नहीं किया गया है अथवा हिन्दुआें के संगठनों की ओर से अपेक्षित दबाव नहीं बनाया गया है, जो कि सरकार एवं हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए लज्जाप्रद है ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात
नई देहली : श्रीलंका की सेना की ओर से वहां के तमिल हिन्दुआें के साथ अत्याचार किया जाना, यह अब कोई नई बात नहीं रही । अभी भी यह अत्याचार चल ही रहे हैं । तमिल हिन्दुआें का संगठन लिबरेशन टाईगर ऑफ तमिल ईलम् को नष्ट कर ८ वर्ष बीत जाने के पश्चात भी श्रीलंका की सेना अभी भी वहां के हिन्दुआें के साथ अत्याचार कर रही है । नई घटना में श्रीलंका की सेना तथा वहां के पुलिसकर्मियों ने ५० से भी अधिक हिन्दुआें के साथ अमानवीय अत्याचार किए जाने की बात सामने आई है । इन हिन्दुआेंपर वो लिट्टे के सदस्य होने का आरोप लगाकर उनके साथ अत्याचार किए गए । इसमें महिलाआें के साथ बलात्कार किए गए । इन अत्याचारों की जानकारी सामने आनेपर श्रीलंका शासन ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं । एक समाचार संस्था ने यह समाचार दिया था ।
१. इस समाचार में कहा गया है कि, एक तमिल व्यक्ति ने बताया कि, उसके विरुद्ध लिट्टे का सदस्य होने का आरोप लगाकर कारागृह में रखा गया और वहां उसका यौन शोषण किया गया, साथ ही उसको सिगरेट से दागा गया और पेट्रोल से भरी बैग में उसका सिर डालकर उसकी हत्या करने का भी प्रयास किया गया ।
२. १९ वर्ष के एक तमिल हिन्दू युवक ने उसके दोनों पैरोंपर ६० से भी अधिक सिगरेट से दिए गए दाग दिखाए । उसके साथ पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए अत्याचारों का यह प्रमाण था । उसकी छातीपर भी गंभीर घाव था । उसका भी यौन शोषण किया गया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात