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हिंदू जनजागृति समितिका कार्य अच्छा है । मैं उसके साथ हूं ! – डॉ. स्वामी

माघ कृष्ण ११ , कलियुग वर्ष ५११४

डॉ. सुब्रह्मण्यम् स्वामीसे हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंने की भेट

 

बाई ओरसे श्रीमती क्षिप्रा, श्री. संजीव कुमार, डॉ. सुब्रह्मण्यम् स्वामी एवं श्री. पतंजली रामब्रिच

बाई ओरसे श्रीमती क्षिप्रा, श्री. संजीव कुमार, डॉ. सुब्रह्मण्यम् स्वामी एवं श्री. पतंजली रामब्रिच

नई देहली, ५ फरवरी – हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ता श्री. संजीव कुमार, कु. आनंदिता कुमार, श्रीमती क्षिप्रा तथा अमेरिकाके हिंदूनिष्ठ श्री. पतंजली रामब्रिचने जनता पक्षके राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुब्रह्मण्यम् स्वामीके निवासस्थानपर उनकी सदिच्छा भेट ली । इस अवसरपर डॉ. स्वामीने समितिके कार्यकी प्रशंसामें कहा कि आप अच्छा कार्य कर रहे हैं । मैं आपके साथ हूं ।

 

 

कार्यकर्ताओंद्वारा डॉ. स्वामीको मध्यप्रदेशके धारमें स्थित श्री सरस्वतीदेवीके मंदिरके (भोजशालाके) परिसरमें हुए इस्लामी अतिक्रमणके विषयमें जानकारी दी गई । इसपर डॉ. स्वामीने कहा कि मैं स्वयं धारके भोजशालामें जाकर आया हूं । मैंने इस मंदिरका अध्ययन किया है । मंदिरका कभी भी अन्य वास्तूमें परिवर्तन नहीं कर सकते । वहां देवी-देवताओंकी प्राणप्रतिष्ठा की होती है । इसलिए वहां देवी-देवता रहते हैं । इसके विपरीत मस्जिद एवं चर्चमें कोई प्राणप्रतिष्ठा नहीं होती । वह मात्र एक स्थान होता है ।

उसका अन्य वास्तूमें परिवर्तन हो सकता है । विदेशमें जिन चर्चोंमें कोई नहीं जाता, वे चर्च अन्य संप्रदायोंद्वारा क्रय किए जाते हैं एवं उनका उपयोग भवनके रुपमें किया जाता है । मार्च महिनेमें मैं धारमें जानेवाला हूं  । लंदनके वस्तूसंग्रहालयमें स्थित धारकी श्री सरस्वतीदेवीकी मूर्ति लाने हेतु मैं सिद्ध हूं; परंतु भारत सरकार बाधा ला रही है । ( ऐसे हिंदूद्रोही राजनेता हिंदुओंको क्रांति करनेको विवश कर रहे हैं ! – संपादक )

क्षणिका

हिंदू राष्ट्र आएगा ही ! – डॉ. स्वामी

डॉ. स्वामीने जानकारी दी कि, कांग्रेस सरकार सनातन संस्थापर प्रतिबंध लगाने हेतु उत्सुक हो गई है । उन्होंने कहा कि वर्तमानके शासक राष्ट्रभक्त हिंदुओंके पीछे पडे हैं । इन शासकोंसे अन्य अपेक्षा भी नहीं कर सकते । आप चिंता न करें । हिंदू राष्ट्र  आएगा ही । उसकी पूरी सिद्धता हो गई है ।

राष्ट्र एवं धर्मके लिए कार्य करते समय लालचसे दूर रहें !

डॉ. स्वामीने कहा कि यदि हमें राष्ट्र एवं धर्मके लिए कुछ  महत्वपूर्ण कार्य करना है, तो हमें संन्यासी समान जीवन बिताना पडेगा तथा सभी प्रकारके लालचसे दूर रहना होगा ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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