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(अंध)श्रद्धा निर्मूलन कानून अर्थात कांग्रेसद्वारा हिंदु धर्म नष्ट करनेका षडयंत्र! – विधायक

चैत्र कृ. ८ , कलियुग वर्ष ५११३

ठाणे जनपदमें हिंदु जनजागृति समितिकी ओरसे(अंध)श्रद्धा निर्मूलन कानूनके विरोधमें विधायकोंको दिया गया निवेदन !


शिवसेनाके विधायक श्री. रूपेश म्हात्रेको निवेदन देते समय भिवंडी शिवसेना महिला आघाडी अध्यक्षा श्रीमती वैशाली मेस्त्री, समितिकी श्रीमती मनीषा क्षीरसागर एवं श्रीमती ऋतुजा नाटे (छायाचित्रमें)


कल्याण पूर्वके विधायक श्री. गणपतशेठ गायकवाडकोनिवेदन देते समय समितिके श्री. अजय संभूस एवं श्री.विश्वनाथ कुलकर्णी (छायाचित्रमें)

        ठाणे (महाराष्ट्र)- १५ मार्च २०१२ से आरंभ होनेवाले अर्थसंकल्पीय अधिवेशनमें कांग्रेस शासनद्वारा लाए जानेवाले (अंध)श्रद्धा निर्मूलन कानूनको तीव्र विरोध करने हेतु हिंदुजनजागृति समितिद्वारा ठाणे जनपदमें विधायकोंको निवेदन दिएगए  । इस समय सभी विधायकोंद्वारा ऐसे सामायिक मत रखे गए कि, ‘‘(अंध)श्रद्धा निर्मूलन कानून अर्थात कांग्रेस शासनका हिंदुधर्म नष्ट करनेका षडयंत्र है । इस कानूनको सभी ओरसे विरोध होना ही चाहिए’’ ।

        इस अवसरपर भिवंडीके शिवसेना विधायकश्री. रूपेश म्हात्रे, कल्याण पश्चिमके मनसेके विधायक श्री.प्रकाश भोईर, कल्याण पूर्वके विधायक श्री. गणपतशेठ गायकवाड एवं उल्हासनगरके भाजपाके विधायक श्री. कुमार आयलानीको निवेदन दिए गए । इस निवेदनमें समितिके प्रतिनिधि मंडलाद्वारा सूचित किया गया कि, महाराष्ट्र शासन पिछले अनेक वर्षोंसे‘महाराष्ट्र नरबली, अन्य अमानवीय एवं अनिष्ट तथा अघोरी प्रथाएवं जादूटोणा व प्रतिबंध तथा उसका समूल उच्चाटन अधिनियम२०११’ (अर्थात अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून) करने जा रहा है ।

        इस प्रस्तावित कानूनमें कुछ धाराओंका अनुचित प्रयोग होनेकीसंभावना है । इसलिए सभी धर्मोंकी धार्मिक श्रद्धाओंका निर्मूलनहो सकता है । यह कानून नरबली एवं अनिष्ट-अघोरी प्रथाओंके निर्मूलनके लिए है, ऐसा बताया जा रहा है, परंतु  प्रत्यक्षमें इस कानूनका गहन अभ्यास करनेपर इस कानूनके सूत्र धार्मिक विधियोंपर प्रतिबंध लानेवाले दिखाई देते हैं । इस अवसरपर शिवसेना भिवंडी तहसीलप्रमुख श्री. विश्वास थले, भाजप भिवंडी सभा भवनके नेता श्री. सिद्धेश्वर कामूर्ति, भाजपा गटनेता एवंनगरसेवक श्री. महेश चौघुले, समाज कल्याण न्यासके अध्यक्षश्री. सोन्या पाटील, भारतीय विद्यार्थी सेनाके नगर संगठक श्री.मनोज गुलवी तथा निलकंठेश्वर मंदिरके विश्वस्त श्री. शंभूगणात्रा को भी निवेदन दिया गया ।

        सभीने निवेदन पढकर तत्काल उनके ‘लेटरहेड’ पर कानूनके एवं शासनके विरोधमें मुख्यमंत्री एवं सामाजिक न्यायमंत्रीके नाम पत्र लिखकर समितिको दिए ।इस अवसरपर भिवंडी महिला संगठक श्रीमती वैशाली मेस्त्री, श्री.किशोर कोंडलेकर, श्री. रवींद्र हडके, श्री. रमेश गायकवाड, श्री.नरेश गुलवी, अधिवक्ता श्री. मनोज मोहनानी, श्री. अजय संभूस,श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी, श्री. अभिजीत भोजणे, श्रीमती मनीषा क्षीरसागर, श्रीमती ऋतुजा नाटे एवं कु. सुषमा पालवे उपस्थित थे।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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