तुमकूर(कर्नाटक)में राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन के लिए पुलिस प्रशासन की अनुमति होते हुए भी आंदोलन की सामग्री को पुलिसकर्मियों ने जब्त किया !
हिन्दुआें, हिन्दुआें के विरुद्ध दमनतंत्र का उपयोग करनेवाला पुलिस प्रशासन अन्य धर्मियों के कार्यक्रमों को संरक्षण देते हैं, इसे ध्यान में लीजिए ! हिन्दुआें के संगठित न होने से ही पुलिस प्रशासन इस प्रकार से दमनतंत्र करते हैं, ऐसा यदि हिन्दुआें को लगा, तो उसमें अयोग्य क्या है ? हिन्दुआें, धर्मकार्य में इस प्रकार से बाधा उत्पन्न करनेवाले पुलिसकर्मियों का उनके वरिष्ठों के पास परिवाद प्रविष्ट कीजिए तथा उसकी जानकारी सनातन प्रभात को भी दीजिए ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात
तुमकूर (कर्नाटक) : तुमकूर नगर के जिलाधिकारी कार्यालय के सामने राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन का आयोजन किया गया था । इसके लिए पुलिस उपाधीक्षक द्वारा अनुमति भी प्रदान की गई थी; परंतु वास्तव में आंदोलन के प्रारंभ होने के पहले ही पुलिसकर्मियों ने घटनास्थल आकर आंदोलनकारियों का ध्वनिवर्धक यंत्र, कपडे से बने फलक एवं प्लेकार्ड को जब्त किया ।
राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन के दिन सुबह ११ बजे हिन्दू जनजागृति समिति के ७ कार्यकर्ता आंदोलनस्थल पहुंचे थे । उतने में वहांपर पुलिस अधिकारी आ गए । उन्होंने इन कार्यकर्ताआें को पुलिस प्रशासन की अनुमति के विषय में पूछा । उस समय यह अनुमतिपत्र जिन कार्यकर्ताआें के पास था, वो कार्यकर्ता मंदिर में थें । तब इन पुलिसकर्मियों ने आंदोलन के लिए अनुमति न होने का कारण बताकर आंदोलन से संबंधित सभी सामग्री को जब्त कर अपने वाहन में रख दीया । कुछ समय पश्चात जब समिति के कार्यकर्ताने अनुमतिपत्र दिखाया, तब पुलिस अधिकारियों ने ध्वनीवर्धक यंत्र एवं कपडे से बना फलक तो वापस दिया; परंतु हस्तपत्रिकाआें को वापस लौटाना अस्वीकार किया और उन्होंने ११ नवंबर के पश्चात इन हस्तपत्रिकाआें को ले जाने के लिए कहा । इस समय पुलिसकर्मियों ने आंदोलन हेतु उपस्थित धर्माभिमानी, धर्मप्रेमी एवं हिन्दू जनजागृति समिति के ३ कार्यकर्ताआें के नाम प्रविष्ट कर लिए ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात