Menu Close

मनुष्य को मनुष्यत्व का भान करवाकर देना ही धर्म – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

धर्म एवं अध्यात्म से जुडे छात्रों के प्रश्‍नोंपर मार्गदर्शन !

महाविद्यालयीन विद्यार्थीयों से वार्तालाप करते हुए सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे, साथ में श्री. सौरभ अवस्थीजी

जबलपूर – लोग कहते है की, मानवता बडा धर्म है । पर धर्म के बिना मानव केवल पशू है । आद्य शंकराचार्यजीने, जिससे व्यक्ती की ऐहिक और पारमार्थिक उन्नति होती है और समाजव्यवस्था उत्तम रहती है, उसे धर्म कहा है । आज व्यक्तीगत और सामूहिक धर्म का पालन न होने के कारण ही अराजक की स्थिती है । मनुष्य को मनुष्यत्व का भान केवल धर्म से ही होता है, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने किया । यहां के कृषि विश्‍वविद्यालय के विश्रामगृह में अभियांत्रिकी विद्यार्थीयों के लिए आयोजित कार्यक्रम में आप संबोधित कर रहे थे । श्री. सौरभ अवस्थीजी एवं श्री. मनीषजी ने इस कार्यक्रमका आयोजन किया था ।

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने आगे कहां की, ‘सायन्स’ को समझने के लिए ‘थेयरी’ के साथ हम ‘प्रॅक्टीकल’ करते है । अध्यात्म में भी प्रॅक्टीकल किए बिना ’थेअरी’के आधारपर अपना मत बनाना अवैज्ञानिक है । आज विज्ञान की मर्यादाएं स्पष्ट हो रही है । विज्ञान आप को सुविधाएं दे सकता है, पर आपका दुःख निवारण नहीं कर सकता ।  आपका स्वभाव, गुस्सा या दुःख पर नियंत्रण करना केवल अध्यात्म सीखाता है । इसलिए वैज्ञानिक प्रगती के पश्‍चात भी विदेशी आज भारत से अध्यात्म सीख रहे है । हमें अध्यात्म को अपनाकर अपना जीवन आनंदमय बनाना चाहिए ।

क्षणिकाएं

१. कार्यक्रम के समय कुछ चलचित्रोंद्वारा सनातन धर्म की वैज्ञानिकता विद्यार्थीयों के सामने प्रस्तुत की गयी ।

२. विद्यार्थीयोंने धर्म से जुडे विभिन्न प्रश्‍नों को पूछकर अपने जिज्ञासा को शांत किया ।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *