कोई भी हिन्दू इतिहास का विकृतिकरण किए जाने के कारण चलचित्र ‘पद्मावती’ नहीं देखेगा ! – श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर, रणरागिनी शाखा
चलचित्र ‘पद्मावती’ से समाज में इतिहास एवं संस्कृति के विषय में अयोग्य संदेश जा रहा है सुसंस्कारित एवं वीरांगना राजपूत महिलाआें ने कभी किसी को अपने मुख की छाया भी नहीं दिखाई थी । ऐसी राजपूत रानी को सभी के सामने नाचते हुए दिखाना क्या इतिहास है ? हम इस चलचित्र की निंदा करते हैं । हमारे राजा एवं रानियों के बलिदान के कारण ही आज हम स्वतंत्र हैं, साथ ही धर्माचार कर रहे हैं । पैसों के लिए इतिहास का विकृतिकरण करनेवाले चलचित्र क्षेत्र को इसे ध्यान में रखना चाहिए । हम सभी को हमारे इतिहास की रक्षा हेतु एकत्रित होना है और हमने इतिहास को भुलाया नहीं है, यह सभी को दिखाना है । कोई भी हिन्दू इस प्रकार से हिन्दुआें के इतिहास का विकृतिकरण करनेवाले चलचित्र को नहीं देखेगा । हमने चलचित्रघरों में भी यह संदेश दिया है और यह संदेश सर्वत्र पहुंचना चाहिए ।
अपनी शील की रक्षा हेतु बलिदान करनेवाली तेजस्वी रानी का अनादर हम सहन नहीं करेंगे ! – कु. रागेश्री देशपांडे, रणरागिनी शाखा
रानी पद्मावती ने अपने शील की रक्षा हेतु अपना बलिदान देकर एक तेजस्वी इतिहास रचा । हम ऐसी तेजस्वी रानी का अनादर सहन नहीं करेंगे । इस चलचित्र में दिखाया गया इतिहास झूठा है; इसलिए हम उसकी निंदा करते हैं । रणरागिनी शाखा इस चलचित्र का बहिष्कार करेगी ।
संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात