कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वादशी, कलियुग वर्ष ५११६
हिन्दुओे, ईसाई मिशनरी आपके धार्मिक स्थलोंके आसपास भी नहीं आएं, ऐसी अपनी प्रतिष्ठा प्राप्त करें !
तिरुपति – विश्वमें करोडों हिन्दुओंके आस्थास्थानवाले तिरुपति देवस्थानके परिसरमें ईसाई पंथका प्रसार करनेवाले मोन्डीथोके सुधीर मिशनरीको तिरुपति पुलिसद्वारा बंदी बनाया गया; परंतु उसका भाई सुकुमार, पादरी डेविड, जोसेफ एवं येसू रत्नम भाग गए । इस प्रकरणमें तिरुपति देवस्थानके सुरक्षा अधिकारियोंने सुधीरके विरुद्ध पुलिस थानेमें परिवाद प्रविष्ट किया है । सुधीरने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है एवं उसे न्यायालयीन कोठरीमें रखा गया है । सुधीर भाग्यनगरके एम्यॅन्युएल बाप्टिस्ट संस्थाका संस्थापक-संचालक है । सुधीरने इससे पूर्व भी श्री व्यंकटेश्वर देवताकी विडम्बनात्मक ऑडियो सिद्ध कर उसे सामाजिक संकेतस्थलपर प्रकाशित किया था । इस ऑडियोमें सुधीरने तिरुपति देवस्थानकी यात्राके दृश्य दर्शाए हैं जिसमें उन्होंने कहा है ‘मैं तिरुपति जाते समय ईसाई प्रार्थना कर सकता हूं,।’
दूसरे एक दृश्यमें ऐसा दर्शाया गया है कि उसने एक यात्रीके पास उसका वाहन खडा कर उसे प्रश्न पूछा कि क्या तिरुपतिके दर्शन लेकर आपकी निर्धनता दूर हुई है ? ।
तीसरे दृश्यमें सुधीरने अमेरिकाके प्रेक्षकोंको उद्देश्यकर कहा है कि कि मैं तिरुपतिको हिन्दुत्वके कष्टसे मुक्त करूंगा । तिरुपति आनेवाले सभी यात्री पापी हैं ।
इसके विरुद्ध भाजपाके महासचिव अधिवक्ता श्रीनिवासद्वारा दिए गए परिवादके अनुसार पुलिसने सुधीरको बन्दी बनाया था ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात