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अब मिडीया चुप क्यों ? : विभिन्न मदरसों में बलात्कार के शिकार हुए है सैकड़ों बच्चे

पाकिस्तान की रहने वाली कौसर परवीन ने रोते हुए बताया कि, उनका बेटा एक इस्लामी मदरसे में पढ़ता था । पाकिस्तान को कहरोरे पक्का में स्थित इस मदरसे में केवल दो कमरे हैं जिसमें कौसर का बेटा भी रहता था । इसी वर्ष अप्रैल में एक रात मदरसे का मौलवी उनके बेटे के बिस्तर पर पहुंच गया । लड़के ने उन्हें बताया कि, मौलवी ने उसकी शर्ट को खींचकर मुँह के ऊपर कर दिया और फिर उसके कपडे उतार दिए । लड़के ने मां को बताया, “मैं रो रहा था । वो मुझे तकलीफ पहुंचा रहे थे । उन्होंने मेरे मुँह में शर्ट ठूंस दी थी ।” समाचार एजेंसी एपी ने पाकिस्तान के मदरसों में यौन शोषण पर विशेष रिपोर्ट प्रकाशित की है । जिन बच्चों से एपी ने बात की उनमें कौसर परवीन का बेटा भी शामिल है ।

समाचार एजेंसी एपी ने पिछले कुछ दशकों में विभिन्न मदरसों में बलात्कार के शिकार हुए सैकड़ों बच्चों के बारे में पता लगाया । उनके अनुसार, स्थानीय पुलिस ऐसे मामलों में दोषियों पर कार्रवाई करने से कतराती है । स्थानीय समुदाय में मौलवियों के प्रभाव और यौन शोषण के शर्मींदगी के कारण भी ऐसे मामले सामने नहीं आ पाते । इसके अलावा पाकिस्तान न्याय व्यवस्था में पीड़ित चाहे तो दोषी को “हर्जाना” लेकर माफ कर सकता है । यौन शोषण के कई दोषी पकड़े जाने पर कुछ रुपयों के बदले छूट जाते हैं । एपी ने पुलिस में सैकड़ों शिकायतों का विश्लेषण करने के अलावा दर्जनों ऐसे लड़कों से बात की जो यौन शोषण का शिकार हो चुके हैं । एजेंसी ने पाकिस्तानी मदरसों में नाबालिग लड़कों के यौन शोषण की तुलना ईसाई चर्चों में बाल यौन शोषण के सामने आए मामलों से की है ।

पाकिस्तानी मदरसों में बच्चों के यौन शोषण पर वहां के एक पूर्व मंत्री ने एपी से कहा, “मदरसों में ऐसे सैकड़ो वाकये हुए हैं । ये बहुत आम है । परंतु ऐसे मामलों को सामने लाना बहुत खतरनाक हो सकता है ।” एक अन्य पुलिस अधिकारी ने माना कि, पाकिस्तानी मदरसों में नाबालिग लड़कों का बलात्कार असमान्य बात नहीं है । एपी द्वारा इकट्ठा किए गए दस्तावेज के अनुसार, पिछले १० वर्षों में ३५९ ऐसे मामले सामने आए जिनमें मौलवी, मौलाना या दूसरे मजहबी ओहदेदार पर बच्चों के बलात्कार का आरोप लगा । वर्ष २००४ में एक पाकिस्तानी अधिकारी ने तब ऐसे ५०० मामलों की आधिकारिक शिकायत दर्ज होने की बात कही थी । जब एपी ने पाकिस्तान के गृह मंत्री और मंत्रालय से इस मसले पर बात करनी चाही तो उसे इसका मौका नहीं दिया गया । पाकिस्तान में मदरसे और स्कूल गृह मंत्रालय के तहत ही आते हैं ।

स्त्रोत : जनसत्ता

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