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भोजशाला में कुंभ जैसे आयोजन की घोषणा

पौष पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११४

इंदौर में विशाल ‌हिंदू धर्म सभा का आयोजन हुआ


इंदौर– इंदौर के नाथ मंदिर में २२  जनवरी को एक विशाल धर्म सभा का आयोजन कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया। पञ्च खंड पीठाधीश्वर समर्थ गुरुपाद आचार्य धर्मेंद्र महाराज, राष्ट्रवादी चिंतक गोविंदाचार्य, हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक डॉ चारुदत्त पिंगले ने संबोधित किया। धर्म सभा के बाद रैली निकाल कर ज्ञापन सौंपा गया। भोजशाला में कुंभ जैसे आयोजन की घोषणा की गई। धर्म सभा को संबोधित करते हुए डॉ चारुदत्त पिंगले ने कहा कि इस्लाम और इसाई सभी हिंदुओं को अपनी तरफ खींचकर उन्हें इसाई और मुसलमान बनाना चाहते हैं। जन्म से हिंदू होने के नाते क्या कर्तव्य हैं क्या हम बता सकते हैं ? धर्म शिक्षा के अभाव में हिंदू क्या है, यह शिक्षा देने की आवश्यकता पड़ रही है, आचार विचार में मन मुटाव को धर्म से ही दूर किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि अपनी कई इच्छा कामनाएं छोड़कर धर्म के लिए सर्वस्व त्याग जरुरी है, दुनियां में १५२ इसाई ५२ इस्लामी राज्य हैं तो हिंदू राष्ट्र की मांग करना गलत है क्या ? उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से कहा कि कथनी करनी में फर्क में नहीं होना चाहिए, विश्वासघात नहीं होना चाहिए। उन्होंने पुरातत्व विभाग से पूछा कि यदि भोजशाला में मंदिर नहीं है तो वहां नमाज़ क्यों और रोज पूजा की आज्ञा क्यों नहीं है ? भोजशाला में मंदिर के हजारों प्रमाण हैं, फिर भी वहां नमाज क्यों? कार्य का मार्ग अलग हो सकता है, हमारा जड़ हिंदुत्व है, उसके तत्व को छोड़ कर हमारा विकास भी नहीं हो सकता, हिंदू धर्म की शिक्षा से ही सब प्रकार की शांति संभव है।

गोविंदाचार्य ने कहा कि लक्ष्य ही प्रमुख है, अर्जुन एकाग्रचित्त हो कर लक्ष्य भेद कर पाया, अगर उसकी एक आंख द्रोपदी और एक आंख मछली पर होती तो उसका लक्ष्य पूरा नहीं होता। भीष्म और कृष्ण में कृष्ण की पूजा इसलिए ही होती है, क्योंकि उन्होंने सिंघासन की रक्षा की नहीं बल्कि सत्य की रक्षा की कसम खाई थी, कृष्ण ने सत्य धर्म की स्थापना की शपथ ली, इसीलिए आज उनकी मूर्तियों की पूजा की जा रही है। हिंदुत्व की प्रतिज्ञा विधायक और सांसद बनाने के नहीं ली जाती, देश हित और समाज हित सबसे पहले है, धर्म सत्ता के बाद राज सत्ता और बाद में अर्थ सत्ता है, आंदोलन में बौद्धिक रचनात्मक आंदोलन करने वाले व्यक्तियों की आवश्यकता होती है, मै हमेशा इस आंदोलन के साथ हूं।

आचार्य धर्मेंद्र ने कहा कि हम स्वतंत्रता के ६५ वर्ष बाद भी वहीं के वहीं हैं, चर्चिल ने ठीक बोला था कि ये भारतीय कुत्ते की तरह लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अब अवसरवादियों का युग है, हाउस कीपिंग वाली महिला आज भारत की भाग्य विधाता बनी है। धर्म से बढ़ कर कुछ नहीं, संसार में धर्म ही है, जो सब रिश्ते नातों को जोड़ता है। मुझ पर कई बार प्रतिबंध लगाया गया पर में डिगा नहीं, जो हमारे राम का नहीं वो काम का नहीं, दूध मिश्री का साथ हो सकता है दूध और फिटकरी का साथ नहीं होता, अकबर से महाराणा प्रताप संधि नहीं कर सकते थे क्या ? पद्मिनी के जौहर पर फिल्म क्यों नहीं बनती? हकीकत राय पर मूवी क्यों नहीं आई ? भाई मतिदास के पर मूवी क्यों नहीं बनती? मै पाप का प्रयाश्चित कर रहा हूं, मुझे इस बात के लिए दुःख होता है कि जो हिंदू हित की बात करेगा वही देश पर राज करेगा, ये भूल गए।

हिंदू राष्ट्र न बने तब तक किसी को चैन से सो जाने का हक़ नहीं है। कसमे वादे प्यार वफ़ा सब बाते हैं बातो का क्या? सब्ज बाग़ दिखाने का शौक है, भोजशाला में अगर जाऊंगा तो मक्खियां भी नहीं मिलेंगी, भारत माता का दर्द मुसलमान नहीं समझेंगे, अगर हिंदू आतंकवादी होता तो उस वक्त दो लाख कार सेवक फैजाबाद को नहीं रहने देते, मगर वहां शांति थी और है, क्योंकि उनमे धेर्य था।

आचार्य धर्मेंद्र ने कहा कि संसार दो अरब साल पुराना है, और इस्लाम १४३८ साल पुराना है तो दो अरब पहले कैसे ये दुनिया चली? कोई कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं है, बुद्ध ने अपने शिष्य आनंद को अंतिम समय बोला कि जहां से ज्ञान मिले, वहां से ले लो, क्योंकि ज्ञान का सागर अपार है, एक ओवेसी ने कहा कि ताज महल के सिवा भारत में है क्या, बाकी तो सब तोड़ दिया तो बचेगा क्या? जहां-जहां हिंदुओं ने निर्माण किया वो सब मुस्लिमों ने तोड़ डाला। उन्होंने बामियान की महान प्रतिमा को तोड़ा है। मुलिमों ने सिर्फ विध्वंस ही किया है। हिन्दुस्थान नाम भी मुसलमान शासकों ने ही दिया है। इंगलिस्तान किसका? अंग्रेजो का, अफगानिस्तान किसका? अफगानों का, फिर हिंदुओं का हिंदुस्तान होना चाहिए ? उन्होंने हिंदुओं से कहा कि अहिंसक क्रांति के दरवाजे खोल दीजिए, आइना सामने रखो और चोटी रखना प्रारंभ करो, देखो अब तो अमेरिका की संसद में भी वेद मंत्र गाए जाने लगे हैं।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कलकत्ता के जनसंहार के आरोपी सोह्रावार्दी को शहीद कहा था और स्वामी श्रद्धानंद के हत्यारे अब्दुल रशीद को अब्दुल रशीद जी कहा था, तो अगर दिग्विजय सिंह, हाफिज सईद को साहब बोले तो कोई नई बात नहीं है। हिंदू भाई का अपमान हो तो हिंदू संगठनों को अपनी ताकत दिखानी होगी। गीता, गंगा, गायत्री, गाय, गोविंद ये हिंदू संस्कार के पाच प्राण हैं। जैसा कुंभ मेला है, वैसे ही मेले का आयोजन भोजशाला में करेंगे, वहां महा आरती करेंगे, ये निश्चित होगा। सभी माँ सरस्वती मंदिर में माँ सरस्वती की आरती करें।

स्त्रोत – स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

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