कार्तिक शुक्लपक्ष द्वादशी, कलियुग वर्ष ५११६
नई दिल्ली : एक गंदे कमरे में आतंकी गुट आईएसआईएस के लड़ाके बैठे हुए हैं। कम उजाले वाले इस कमरे में लड़के एक-दूसरे पर गंदी फब्तियां कसते हुए दिखाई दे रहे हैं लेकिन क्या वे एक-दूसरे का मजाक उड़ा रहे हैं अथवा अपने नरसंहार के बारे में डींगे हांक रह हैं? बिल्कुल नहीं।
दरअसल, यह आईएसआईएस की गुलाम मंडी का एक दृश्य है – जहां रोजाना हर एक लड़के के ‘हिस्से’ में -एक याजदी लड़की आती है। वीडियो से पता चलता है कि महिला गुलाम के लिए आईएसआईएस के लड़के कैसे आपसे में झगड़ते हैं। वीडियो दर्शाता है कि महिला गुलाम की कीमत कैसे उसकी शारीरिक बनावट खासकर उसके आंखों की रंगों पर निर्भर करती है।
अरबी टीवी के एक रिपोर्टर जिसका ट्विटर हैंडल है, उसके ट्वीट किए गए वीडियो के मुताबिक आईएसआईएस के लड़ाके अपने तथाकथित ‘स्लेव मार्केट डे’ में हिस्सा ले रहे हैं। लड़ाके इस दिन को ‘डिस्ट्रीव्यूशन’ नाम भी देते हैं। लड़ाके इसी दिन अपनी महिला गुलामों को खरीदते और बेचते हैं।
वीडियो की शुरुआत एक ऐसे व्यक्ति से होती है, जो काफी खुश है और कहता है, ‘आज, स्लेव मार्केट डे’ है। वीडियो में एक दूसरा लड़का यह कहते हुए दिखता है, ‘कहां है-मेरी याजदी लड़की? कहां है-मेरी याजदी लड़की?’ एक दूसरे लड़का आवाज देता है, ‘मैं कसम खाकर कहता हूं, मैं एक लड़की को ढूंढ़ रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि वह मुझे मिल जाएगी।’ लड़कों में से एक अपने अन्य साथियों से पूछता है है कि क्या वे अपनी महिला गुलामों को बेचना चाहते हैं?
इसके बाद लड़कों में महिलाओं को खरीदने-बेचने की प्रक्रिया शुरू होती है। एक लड़का नीली आंखों वाली याजदी लड़की के लिए एक बैंकनोट (त्र्१००) देने की इच्छा जाहिर करता है जबकि अन्य लड़ाके हरी आंखों वाली याजदी महिला गुलाम के लिए बोली पांच बैंकनोट (त्र्५००) तक ले जाते हैं। आगे वीडियो में लड़की खरीदने की चाह रखने वाला आईएसआईएस का एक लड़ाका लड़की की शारीरिक बनावट और उसकी उम्र को लेकर अपनी परेशानी जाहिर करता है।
स्त्रोत : ज़ी न्यूज़