माघ कृष्ण १२ , कलियुग वर्ष ५११४
हिंदू जनजागृति समितिका ‘संस्कृतिरक्षा अभियान’ !
निवेदन देते हए ब्रह्मविद्या संप्रदायकी श्रीमती सविता संभूस, सनातन संस्थाकी श्रीमती अन्नपूर्णा मुळीक एवं समितिकी श्रीमती अमृता संभूस |
डोंबिवली (महाराष्ट्र), ६ फरवरी (संवाददाता) – यहांके पूर्व क्षेत्रके प्रगति महाविद्यालयके प्रधानाध्यापक श्री. अशोक महाजनको हिंदू जनजागृति समितिद्वारा ‘वेलैंटाईन डे’के संदर्भमें प्रबोधन करने हेतु निवेदन दिया गया । इस अवसरपर ब्रह्मविद्या संप्रदायकी श्रीमती सविता संभूस, सनातन संस्थाकी श्रीमती अन्नपूर्णा मुळीक एवं समितिकी श्रीमती अमृता संभूस उपस्थित थीं । श्री महाजनने कहा कि आपका यह अभियान अत्यधिक अच्छा है तथा अपनी संस्कृति संजोने हेतु ऐसे प्रबोधनकी आवश्यकता है ।
समितिद्वारा निवेदन देनेका कारण बताते हुए समितिके कार्यकर्ताओंने कहा कि हमारे देशमें माता-पिता, गुरु एवं मातृभूमिका सम्मान कर उनपर निःस्वार्थ प्रेम करनेकी सीख दी जाती है । तत्पश्चात भी वर्तमानमें १४ फरवरीको ‘‘वैलेंटाईन डे’के नामपर प्रेमदिवस मनानेकी प्रथाको अवास्तव महत्व दिया जा रहा है । इस निमित्तसे अनेक अनाचार हो रहे हैं तथा पुणे जैसे नगरमें इस दिन संतति प्रतिबंधक साधनोंका सर्वाधिक विक्रय होनेके समाचार भी नियतकालिकोंमें प्रकाशित हुए हैं । ‘वैलेंटाईन’के नामपर मनाए जानेवाले ‘वैलेंटाईन डे’के दुष्परिणामोंके कारण अधिकांश पश्चिमी देशोंमें भी यह दिन मनाना टाला जा रहा है । रोमन कैथोलिक कैलेंडरसे ‘वैलेंटाईन डे’का नाम भी हटा दिया गया है छत्तीसगढ सरकारने तो ‘वैलेंटाईन डे’पर प्रतिबंध लगाकर ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ आरंभ किया है । इसीलिए यह निवेदन दिया गया है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात