नंदुरबार में रोहिंग्या मुसलमानों के विरोध में राष्ट्रीय हिन्दु आंदोलन
नंदुरबार : २२ अक्तूबर को संपन्न हुए राष्ट्रीय हिन्दु आंदोलन में यह मांग की गई कि, ‘म्यानमार में हिन्दु तथा बौद्धों पर अत्याचार कर उन्हें निर्वासित करनेवाले रोहिंग्या मुसलमानों के संदर्भ में भारत के नागरिक प्रक्षुब्ध भावनाएं हैं । अब उन्हें भारत में प्रवेश न दें, साथ ही भारत के पृथक क्षेत्रों में घुसपैठ करनेवाले रोहिंग्यों को त्वरित यहां से हटाईएं ।’ इस आंदोलन में अनेक लोग उत्स्पूâर्त सम्मिलित हुए । उस समय ‘रोहिंग्यों को भगा दीजिए , देश बचाईएं ’ इस प्रकार की घोषणाएं दी गई । आंदोलन में दिलीप ढाकणे पाटिल, प्रा.डॉ. सतीष बागुल, डॉ. रजनी नटावदकर, पुष्पाबाई थोरात, प्रवीण थोरात, श्रीमती भारती पंडित, श्रीमती निवेदिता जोशी, जितेंद्र राजपुत, आकाश गावित, सुमित परदेशी इत्यादि सम्मिलित हुए थे ।
हिन्दू जनजागृति समिति के डॉ. नरेंद्र पाटिल ने भी प्रमुख मांगे की । वह इस प्रकार है, ‘म्यानमार के निर्वासित हिन्दुओं की सुरक्षा हेतु भारत देश नीति घोषित करें, साथ ही यह सूत्र संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रस्तुत करें तथा हिंसाचारी रोहिंग्यों का पक्ष प्रस्तुत करनेवाले संगठन, संस्था, पक्ष, नेताओं को रोहिंग्यों के लिए आंदोलन करने की अनुमती प्रदान न करें ।’
नंदुरबार के धर्माभिमानी श्री. राजेंद्र चौधरी ने बताया कि, ‘‘सिंहगड पर निर्माणकार्य में किया गया भ्रष्टाचार हिन्दु विधीज्ञ परिषद ने सूचना अधिकार द्वारा स्पष्ट किया है । भ्रष्टाचार करनेवाले अधिकारियों को कडा दंड दीजिए, साथ ही संबंधितों द्वारा इस व्यय की प्राप्ति कीजिए ।’’