केरल की महिला हादिया के पिता के.एम. अशोकन ने उच्चतम न्यायालय के उस निर्देश का स्वागत किया है जिसमें उसकी बेटी को पढ़ाई जारी रखने की अनुमती दी गई है । अशोकन ने कहा कि, मैं नहीं चाहता कि मेरे परिवार में कोई आतंकी हो ।
हादिया के बारे में उन्होंने कहा कि, मेरी बेटी इस्लाम कबूल करने के बाद सीरिया जाना चाहती है परंतु उसे वहां के बारे में कोई जानकारी नहीं है । यह बहुत दुखद है कि, हादिया को इस खराब अनुभव से गुजरना पड़ा जिसकी वजह से उसकी पढ़ाई बाधित हुई ।
उन्होंने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि हादिया को नजरबंद रखा गया था । अंतर जातीय विवाह के बारे में जब अशोकन से उनकी राय पूछी गई तो उन्होंने कहा कि वह एक धर्म और एक ईश्वर में विश्वास रखते हैं ।
बता दें कि, उच्चतम न्यायालय ने बीते सोमवार को २५ वर्षीय हादिया को उसके अभिभावकों के संरक्षण से स्वतंत्र करते हुए उसे कॉलेज में पढ़ाई जारी रखने का निर्देश दिया था । हालांकि हादिया ने आग्रह किया था कि, उसे उसके पति शैफीन के साथ जाने दिया जाए ।
इस बीच हादिया केरल पुलिस की सुरक्षा में मंगलवार को सलेम रवाना हो गई । उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केरल पुलिस को निर्देश दिया था कि वह हादिया को सुरक्षा मुहैया कराते हुए सुनिश्चित करे कि वह सलेम जाकर वहां शिवराज मेडिकल कॉलेज में होम्योपैथी की पढ़ाई करे । दूसरी ओर कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा है कि, हादिया अपने हिन्दू नाम अखिला अशोकन के रूप में पढ़ाई जारी रखेगी ।
लव जिहाद’के संकट से अपनी बेटी को बचाने हेतु माता-पिता क्या सावधानियां बरते ?
आज हिन्दुआें के सामने लव जिहाद का प्रमुख संकट दिन प्रतिदिन बढता जा रहा है । इस संकट ने हमारे बहन-बेटीयों की जिंदगी बर्बाद कर दी है । हम चाहकर भी इस संकट से उन्हे बचाने में असफल हो रहे है । इसलिए आज हम इस संकट में हमारी बहन-बेटी को फंसने से पहले ही क्या कर सकते है यह देखेंगे !
१. बेटी के प्रतिदिन के आचार-विचार तथा उसके विद्यालय अथवा महाविद्यालय आने-जानेका समय इसपर ध्यान दें ।
२. ‘स्कार्फ’ बांधनेके कारण दोपहिए वाहनपर ‘लव जिहादी’के पीछे बैठी युवतीको पहचानना कठिन होता है, यह जानकर उसके ‘स्कार्फ’ बांधनेके संदर्भमें सावधान रहें ।
३. माध्यमिक विद्यालय और महाविद्यालयोंके परिसरमें भटकनेवाले अपरिचित धर्मांध युवकोंकी जानकारी तुरंत हिन्दुत्ववादी संगठनोंको दें !
४. नए कपड़े, अलंकार, मोबाईल, कैमरा आदि वस्तुएं बेटी की आवश्यकताओं का अभ्यास कर ही दें !
५. ‘लव जिहाद’की कुछ घटनाएं ‘मोबाईल’के कारण हुई हैं । इसलिए बेटी के ‘मोबाईल’पर किसका फोन आता है, इसका पता बीच-बीच में करते रहें !
६. बेटीके ‘मोबाईल’में सेव किया हुआ ‘लव जिहादी’ युवकका क्रमांक किसी अन्य नामसे भी हो सकता है, यह भी ध्यान में रखें !
७. प्रतिदिन बेटीसे थोडा समय अनौपचारिक संवाद कर उसके मनमें क्या चल रहा है, यह जान लें ! बेटी आपसे सहजतासे बातचीत करे, परिवारमें ऐसा वातावरण बनाए रखें !
८. बचपन से ही बेटीपर हिन्दू धर्म के पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नीतिमूल्यों का संस्कार करें !
अधिक जानकारी आप यहां पढें तथा अन्यों को भी फॉरवर्ड करें ताकी हमारी बहन-बेटीयां लव जिहाद के षडयंत्र से बच सके : https://www.hindujagruti.org/hindi/hindu-issues/love-jihad