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कुंभमेलेमें फलकपर राहुल गांधीको शिवजीके तथा सोनिया गांधीको रानी लक्ष्मीबाईके रूपमें दिखाया !

माघ कृष्ण १२ , कलियुग वर्ष ५११४

कुंभमेलेमें फलकपर राहुल गांधीको शिवजीके रूपमें तथा सोनिया गांधीको रानी लक्ष्मीबाईके रूपमें दिखाया  !

कांग्रेसवाले क्या सोनिया गांधीको मदर मेरी तथा राहुल गांधीको प्रेषितके रूपमें दिखाएंगे  ?

 

कुंभमेलेमें कांग्रेसके स्थानीय नेताओंद्वारा सोनिया गांधीको रानी लक्ष्मीबाईके रूपमें दर्शाया गया यह फलक

कुंभमेलेमें कांग्रेसके स्थानीय नेताओंद्वारा सोनिया गांधीको रानी लक्ष्मीबाईके रूपमें दर्शाया गया यह फलक

प्रयागराज – वर्तमानमें कुंभनगरीमें हिंदुत्वके लिए पोषक वातावरण निर्मित हुआ है तथा भविष्यमें इससे लोकसभा चुनाव  प्रभावित होनेके संकेत प्राप्त हो रहे हैं । इसलिए कांग्रेसकी अध्यक्षा सोनिया गांधी भी कुंभमेलेमें आनेवाली हैं । उससे पूर्व कांग्रेसके स्थानीय नेताओंने ध्यान आकर्षित करने हेतु सस्ती जनप्रसिद्धीके लिए संतापजनक कृत्य किया है । त्रिवेणी मार्गपर कांग्रेसके कुछ स्थानीय कार्यकर्ताओंने सोनिया गांधीको रानी लक्ष्मीबाईके रूपमें तथा राहुल गांधीको शिवजीके रूपमें दर्शानेवाले फलक लगाकर हिंदुओंकी धार्मिक एवं राष्ट्रीय भावनाओंको पैरोंतले कुचला है ।

इनमेंसे एक फलकपर राहुल गांधीकी तुलना समुद्रमंथनसे बाहर निकले विषको प्राशन करनेवाले भगवान शिवजीसे की है । इस फलकपर लिखा है कि, ‘सत्ता एक विष है, ठीक है तथा जो विष प्राशन करता है, वह नीलकंठ बनता है । उठीए एवं शीघ्र शंकर बनिए ।’ दूसरे फलकपर सोनिया गांधीको रानी लक्ष्मीबाईके रूपमें दर्शाया गया है । हाथमें तलवार लिए हुए वह घोडेपर सवार है तथा पीठपर बालकके स्थानपर राहुल गांधीको दर्शाया गया है । उसपर लिखा है, ‘विरोधियोंको दूर करनेकी जिसने मनमें ठानी है । चमक उठी सन – १९९१ में वो तलवार पुरानी है । खूब लडी मर्दानी वो तो १० जनपथ देहलीवाली रानी है ।’ चंद्र दुबे एवं हसीब अहमद नामक नेताओंने यह फलक लगाए हैं । प्रशासनकी अनुमतिके बिना ही ये दोनो फलक कुंभमेलेमें लगाए गए हैं ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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