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जिन्हे अफजलखान के प्रति प्रेम हैं, वो इस देश को छोडकर चले जाएं ! – वरिष्ठ अभिनेता श्री. विक्रम गोखले

पुणे : प्रतापगढ की तलहटी पर स्थित कबर के संदर्भ में अभीतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। वर्तमान शासन को इस संदर्भ में स्पष्टता से पूछना होगा। जिन्हे अफजलखान के प्रति प्रेम है, वो इस देश को छोडकर चले जाएं ! वरिष्ठ अभिनेता विक्रम गोखले ने ऐसा मत व्यक्त किया। उन्होंने यह प्रश्‍न भी उपस्थित किया कि आप छत्रपति शिवाजी महाराज के पक्षधर हैं अथवा अफजलखान के ? समस्त हिन्दू संघटनों की ओर से बाजीराव मार्ग के निकट के नातूबाग प्रांगण में मनाए गए शिवप्रताप दिवस के उपलक्ष्य में वे ऐसा बोल रहे थे।

इस अवसर पर ब्रिगेडिअर डॉ. एस्.के. अंबिके (सेवानिवृत्त), पूर्व विधायक श्री. अशोक मोडक, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), प्रमुख संयोजक श्री. मिलिंद एकबोटे, श्री. ओमसिंह भाटी आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर कोल्हापुर के बजरंग दल के संयोजक श्री. संभाजी उपाख्य बंडा साळोखे को हिन्दवी स्वराज्यभूषण वीर जीवा महाले पुरस्कार से, तो मालेगाव के गोरक्षक श्री. मच्छिंद्र शिर्के को ‘हिन्दुत्व शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

श्री. गोखले ने आगे कहा कि –

१. हर मुसलमान आतंकी नहीं होता; परंतु हर आतंकी मुसलमान होता है, यह विगत ३ दशकों के इतिहास में उजागर हुआ ऐसा सत्य है। राजनेताआें के अयोग्य आचरण के कारण बहुसंख्यक आहत हो रहे हैं, इसका उन्हें भान नहीं है, यह दुर्भाग्यजनक है !

२. हिन्दू केवल धर्म नहीं है, अपितु वह जीवनसंस्कृति है। अतः देश को यदि अच्छे दिन देखने हों, तो हर व्यक्ति को छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवनचरित्र पढना चाहिए !

३. मतों की राजनीति हेतु किसी विशिष्ट समुदाय का तुष्टीकरण किया जाना दुखद है। वर्ष १९४२ से यदि भारतीय टोपी का रंग भगवा होता, तो आज का भारत बहुत अलग दिखाई देता !

४. महाराष्ट्र में ब्राह्मण-मराठा, मराठा-दलित में विभाजन करना एवं ब्राह्मणों को गालियां देना, ये बुरी आदतें हो गई हैं। शिवछत्रपति मराठा समाज की भांति ब्राह्मण समुदाय के लिए भी देवतासमान हैं, इस वास्तविकता को भूलाकर नया इतिहास बताया जा रहा है। अतः हमें आज की राजनीति का भान होना चाहिए; परंतु इसके लिए अभी भी समय नहीं गया है !

संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात

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