मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन से लगाई गुहार
एक आेर जहां रशिया के र्इसार्इ भारत कें गोवा राज्य में आकर नशीले पदार्थों की तस्करी करते है, एक-एक गांव पर कब्जा करते है, अनैतिक कृत्य करते है, भारत में रशिया के झंडे फहराते है फिर भी भारत सरकार तथा भारतीय जनता इसपर चुप है परंतु अगर कोर्इ हिन्दू रशिया में धर्मकार्य करता है तो उसे तुरंत विरोध किया जाता है उसे धमकाया जाता है, हिन्दुआें का धर्मग्रंथ भगवद्गीता को जलाया जाता है ! मिशनरी भारत आकर यहां के हिन्दुआें का धर्मांतरण करते है फिर भी यहां का हिन्दू चुप है ! अब समय आ गया है कि, हिन्दू इसका प्रत्युत्तर दें ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
कुछ दिन पहले इस संगठन के लोगों ने भारतीय मूल के धर्मगुरु प्रकाश जी को यह कहते हुए धमकाया कि, “रूस केवल र्इसार्इयों का देश है, यहां हिन्दू धर्म नहीं चलेगा।” संगठन के लोग आए दिन उनके आश्रम में घुस आते हैं और लोगों को धमकाते हैं।
बता दें कि, धर्मगुरु प्रकाश जी २७ वर्षों से रूस में हिन्दू धर्म और भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। बीते कुछ दिनों से र्इसार्इ संगठन उन्हें निशाना बनाए हुए हैं। इसके चलते प्रकाश जी ने यूट्यूब पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मदद की गुहार लगाईं है।
धर्मगुरु प्रकाश जी. ने बताया कि, “अलेक्सजेंडर डोर्व्किन नाम का शख्स हिन्दू धर्म को रूस से बाहर करने की धमकी उन्हें देता है। २ नवम्बर को वह कुछ पुलिस की वर्दी पहने लोगों के साथ उनके आश्रम में घुसा और फर्जी रेड मारी।”
इसके बाद जब प्रकाश जी अपने बेटे के साथ इस घटना की शिकायत करने के लिए पुलिस के पास जा रहे थे तो उन्हें कुछ लोगों ने धमकाया। इतना ही नहीं, उनके साथ हाथापाई भी की गई।
बता दें कि, अलेक्सजेंडर डोर्व्किन वही शख्स है जिसने ६ माह पहले रूस में हिन्दू धर्म का विरोध करते हुए भगवत् गीता को आग लगाईं थी । प्रकाश जी का आरोप है कि, अलेक्सजेंडर हिन्दू धर्म के विरुद्ध लोगों को भड़का रहा है। उसने कई संगठन भी बना रखे हैं, जो आए दिन हिन्दुओं को धमकाते हैं।
इस बारे में प्रकाश जी जर्नल वी के सिंह से भी मुलाक़ात कर चुके हैं, परंतु अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। प्रकाश जी का कहना है कि, हमलों के कारण से रूस में रह रहे हिन्दू खौफ में है। यदि हिन्दुओं पर हमले नहीं रोके गए तो इसका असर भारत और रूस के रिश्तों पर भी पड़ सकता है।
स्त्रोत : आज तक