समुच विश्व एक धर्म विशेष आतंकवाद के चपेट में है। भारत के नेताओं को छोडकर बाकी दुनियाभर के नेताओं को आतंक का धर्म पता है ! किंतु दुर्देव यह है कि, अब तक भारत को आतंकवाद का धर्म पता नहीं चल सका ! – सम्पादक, हिन्दूजागृति
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद को किसी धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता है और न इसे जोड़ना चाहिए। आतंक की किसी घटना को तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहयोग बढ़ाने की अपील की ताकि मानवता के खिलाफ इस अपराध से लड़ा जा सके।
स्वराज रूस के सोची में आयोजित शंघाई कारपोरेशन आर्गनाइजेशन (एससीओ) के सम्मेलन में हिस्सा ले रही थीं। यह चीन के प्रभाववाला सुरक्षा समूह है, जो नाटो को चुनौती देने के लिए तैयार किया जा रहा है।
सुषमा ने कहा कि भारत सभी तरह के आतंकवाद और उसके मकसद की निंदा करता है। भारत एससीओ के सदस्य के रूप में पहली बार भाग ले रहा है। जून में भारत और पाकिस्तान इसके सदस्य बने थे।
सुषमा ने कहा कि वह एससीओ का सदस्य बनने पर पाकिस्तान को शुभकामनाएं देती हैं। यह बैठक बेहद अहम है क्योंकि भारत के सदस्य बनने के बाद यह परिषद की पहली बैठक है। वहीं यह भारत के पुराने दोस्त रूस की ओर से आयोजित की जा रही है।
स्त्रोत : अमर उजाला