इतनीही चिंता है रोहिंग्याआेंकी तो पोप उन्हे व्हॅटीकनमे क्यो नही ले जाते ? – सम्पादक, हिन्दूजागृति
ढाका – पोप फ्रांसिस ने म्यामांर के पीड़ित रोहिंग्या समुदाय की दुर्दशा पर दुनिया की उदासीनत को लेकर अफसोस जताया और अपनी ऐतिहासिक एशिया यात्रा के दौरान पहली बार सार्वजनिक रूप से उनका जातीय नाम लिया। रोहिंग्या आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों पर हमलों के जवाब में म्यामांर की सेना की कार्रवाई से बचने के लिए करीब छह लाख २० हजार रोहिंग्या मुसलमान भागकर बांग्लादेश आ गए हैं।
पोप तीन दिवसीय दौरे पर बांग्लादेश में हैं। उन्होंने रोहिंग्या शरणार्थियों के १६ समूहों से मुलाकात की जिन्हें म्यामांर की सीमा से लगे कॉक्स बाजार में बने अस्थायी शिविरों से यहां लाया गया था। पोप ने उन्हें आशीर्वाद दिया और बौद्ध बहुल म्यामांर से भाग कर आने की उनकी आपबीती सुनी।
स्त्रोत : न्यूज १८